पीएम मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि 1971 के युद्ध में साहस और पराक्रम की अद्भुत मिसाल पेश करने वाली कच्छ की वीरांगना माताओं-बहनों ने हाल ही में गुजरात के दौरे पर मुझे सिंदूर का पौधा भेंट किया था। पीएम ने इन महिलाओं से वादा किया था कि वे अपने आवास पर यह सिंदूर का पौधा लगाएंगे।
क्यों खास है सिंदूर का पौधा : पारंपरिक रूप में सिंदूर एक विशेष पेड़ के फल से प्राप्त बीजों से तैयार किया जाता है, जिसे आम बोलचाल में सिंदूर का पेड़ या कमिला वृक्ष (Kamila Tree) कहा जाता है। कमिला फल को संस्कृत में रक्तरोहिणी, हिंदी में सिंदूर फल और अंग्रेजी में Flame of the Forest या Butea Monosperma कहा जाता है। यह पेड़ ज्यादातर भारत, नेपाल और दक्षिण एशिया के अन्य हिस्सों में पाया जाता है। इसके फूल चमकीले लाल या नारंगी होते हैं, जो वसंत में खिलते हैं और होली से पहले गांवों को रंगीन कर देते हैं।
इस पेड़ के बीजों से जो पाउडर प्राप्त होता है, वह गहरे नारंगी-लाल रंग का होता है और यही प्राकृतिक सिंदूर का स्रोत है। इसे सुखाकर और पीसकर पारंपरिक सिंदूर तैयार किया जाता है। वर्तमान समय में बाजार में मिलने वाले अधिकतर सिंदूर रासायनिक तत्वों से बनाए जाते हैं, जिनमें पारा (Mercury), लेड (Lead) जैसे हानिकारक तत्व होते हैं। यह त्वचा, आंखों और प्रजनन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसीलिए कमिला फल जैसे प्राकृतिक स्रोतों से बना सिंदूर स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प है।