उल्लेखनीय है कि 2016 में कुंवर बाई भारत के लिए प्रेरणा बनीं जब उनकी कहानी को पूरे देश में लोकप्रियता मिली। स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी एकमात्र संपत्ति दस बकरियों में से आठ को केवल इसलिए बेचा ताकि उन्हें 22,000 रुपए मिल जाए और वे अपने घर में शौचालय का निर्माण करा सकें।