सीबीआई ने कसा नीरव मोदी पर शिकंजा, पासपोर्ट रद्द करने की मांग

शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2018 (08:12 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अरबपति ज्वैलरी डिजायनर नीरव मोदी और उनके साझेदार मेहुल चौकसी पर शिकंजा कसते हुए उनके पासपोर्ट रद्द करने की मांग की है। वे दोनों पंजाब नेशनल बैंक द्वारा जारी 150 गारंटी पत्रों के जरिये 11,400 करोड़ रुपए से अधिक के कथित फर्जी लेनदेन में मुख्य आरोपी हैं।
 
आरोप है कि अरबपति आभूषण डिजाइनर नीरव मोदी व उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने पंजाब नेशनल बैंक द्वारा जारी 150 गारंटी पत्रों के जरिये 11,400 करोड़ रुपए से अधिक के फर्जी लेनदेन किए। ईडी ने भी इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंबई, दिल्ली और गुजरात में 17 स्थानों पर छापेमारी करते हुए 5,100 करोड़ रुपए के हीरे, सोने के आभूषण जब्त किए। 
 
लूक आउट नोटिस : अधिकारियों के अनुसार एजेंसी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 31 जनवरी को एफआईआर दर्ज की। उसने मुंबई व सूरत में 20 स्थानों पर तलाशी ली। चार फरवरी को नीरव मोदी तथा तीन आरोपियों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया।
 
बेल्जियम में है नीरव : अधिकारियों ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ धोखाधड़ी को लेकर इस समय सुर्खियों में चल रहा नीरव मोदी बैंक की ओर से इस मामले में शिकाय​त मिलने से काफी दिन पहले गत एक जनवरी को ही देश से बाहर चला गया था। नीरव का भाई निशाल बेल्जियम का नागरिक है। वह भी एक जनवरी को भारत छोड़ गया। हालांकि वे दोनों साथ गए थे या अलग अलग इसकी जांच अभी की जानी है।
 
नीरव की पत्नी और अमेरिकी ना​​गरिक एमी छह जनवरी को यहां से निकलीं। उसके चाचा तथा गीतांजलि जूलरी के प्रवर्तक मेहुल चौकसी चार जनवरी को देश छोड़कर चले गए। बताया जा रहा है कि नीरव और नीशाल बेल्जियम में हैं। 
 
स्विट्जरलैंड में भी हो सकता है नीरव : ऐसा माना जा रहा है कि नीरव मोदी स्विट्जरलैंड में हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दावोस (स्विट्जरलैंड) में नामी भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यपालकों (सीईओ) के समूह के साथ फोटो में शामिल है। वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के सम्मेलन की इस तस्वीर को 23 जनवरी प्रेस सूचना ब्यूरो ने जारी किया था। इसके छह दिन बाद ही पंजाब नेशनल बैंक ने उनके खिलाफ पहली शिकायत की।
 
बैंक को इस मामले में संदेह 16 जनवरी को हुआ जबकि आरोपी कंपनी डायमंड आर यूएस, सोलार एक्सपोटर्स व स्टेलर डायमंड्स (सभी सीबीआई की एफआईआर में आरोपी हैं) ने आयात दस्तावेजों के साथ उससे संपर्क किया और गारंटी पत्र (एलओयू) जारी करने का आग्रह किया ताकि विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान कर सकें।
 
एफआईआर के अनुसार बैंक को पहले की कोई जानकारी अपनी प्रणाली में नहीं मिली। अधिकारियों के अनुसार पीएनबी ने 280 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के बारे में 29 जनवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई को शिकायत की थी।
 
अधिकारियों के अनुसार इस सवाल की भी पड़ताल की जा रही है कि पीएनबी ने सीबीआई को शिकायत में सारी जानकारी न देकर, यह किस्तों में देने का फैसला क्यों किया। 
 
नीरव मोदी 2013 से ही धनी व चर्चित भारतीयों की सूची में लगातार आते रहे हैं। सीबीआई ने नीरव, उनकी पत्नी, भाई व कारोबार भागीदारी चौकसी के खिलाफ 31 जनवरी को मामला दर्ज किया था। यह मामला पंजाब नेशनल बैंक से कथित रूप से 280 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का है। बैंक ने पहली शिकायत के पखवाड़े भर में ही सीबीआई से संपर्क कर कहा कि यह मामला 11,400 करोड़ रुपए से अधिक के लेनदेन का है।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी