मुम्बई। अब तक की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी से जूझ रहे पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने कहा है कि उसके पास इतनी परिसंपत्ति और पूंजी है कि वह इस मामले में सभी देनदारियां पूरी कर सकता है। पीएनबी ने बीएसई द्वारा 11,400 करोड़ रुपए की फर्जी लेनदेन का बैंक की वित्तीय और संचालन स्थिति पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में गुरुवार को यह बयान दिया।
बीएसई ने इस मामले में पीएनबी से स्पष्टीकरण मांगा था। बीएसई ने यह भी पूछा था कि मामले के मुख्य आरोपी नीरव का कहना है कि पीएनबी ने इसे सार्वजनिक करके ॠण वसूली के सभी विकल्प खत्म कर दिए हैं। इस पर बैंक ने कहा कि नीरव मोदी का यह तर्क गलत है, क्योंकि बैंक ने अपनी ॠण वसूली के लिए सिर्फ कानूनी रास्ता ही अपनाया है।
स्टॉक एक्सचेंज ने कहा कि शुरुआत में बैंक ने 280 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी रिपोर्ट की, लेकिन इसके बाद उसने बीएसई को 11,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की जानकारी दी। इस पर पीएनबी ने कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने अपने निदेशक मंडल और बीएसई तथा एनएसई को पांच फरवरी को 280.70 करोड़ रुपए की धोखधड़ी की जानकारी दी, लेकिन आगे की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद यह राशि बढाकर 11,394.02 करोड रुपए (1.77 अरब डॉलर) की गई।
इसी के बाद 13 फरवरी की शाम को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में एफआईआर दर्ज कराया गया और अगले दिन 14 फरवरी की सुबह दोनों शेयर बाजारों को इस बाबत जानकारी दी गई। पीएनबी ने यह भी बताया कि उसने पहले बीएसई और एनएसई को एफआईआर की जानकारी नहीं दी, क्योंकि इस बाबत सार्वजनिक खुलासा होने से धोखाधड़ी करने वाला सचेत हो जाता जिससे ॠण वसूली पर असर पड़ता। (वार्ता)