प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ महाबलीपुरम में अनौपचारिक मुलाकात के बाद समुद्र पर लिखी एक कविता ट्विटर पर साझा की है। मोदी ने कहा, यह संवाद मेरी भावनात्मक दुनिया है। मैं इस संवाद को आपके साथ साझा कर रहा हूं। हिंदी में 'हे सागर, तुम मेरा प्रणाम' शीर्षक से आप उनकी लिखी यह कविता यहां पढ़ सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने उनका 3 मिनट का वीडियो भी पोस्ट किया और लोगों से सार्वजनिक जगहों को साफ-सुथरा रखने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से तमिलनाडु के प्राचीन शहर महाबलीपुरम में अनौपचारिक मुलाकात की थी।
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कल महाबलीपुरम में सवेरे तट पर टहलते-टहलते सागर से संवाद करने में खो गया।
— Narendra Modi (@narendramodi) October 13, 2019
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प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कविताएं लिखते रहे हैं। 2007 में 'आंख आ धन्य छे' नाम से गुजराती के संकलन उनकी कुल 67 कविताएं छपीं थीं। 7 साल बाद वे हिंदी में आईं। अंजना संधीर ने इनका अनुवाद किया और 'आंख ये धन्य है' नाम से यह छपीं।