चुनाव आयोग ने देश भर की रिक्त हुई 12 सीटों पर चुनाव तारीखों का एलान कर दिया है। देश के 9 राज्यों की 12 सीटों पर होने वाले चुनाव में मध्य प्रदेश की एक सीट भी शामिल है। इन सभी सीटों पर 3 सितंबर को मतदान होगा। राज्यसभा उप चुनाव की अधिसूचना 14 अगस्त को जारी होगी। नामांकन की आखिरी तारीख 21 अगस्त होगी। नामांकन की जांच 22 अगस्त को होगी। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, असम और त्रिपुरा के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 26 अगस्त है, जबकि राजस्थान, बिहार, हरियाणा, तेलंगाना और ओडिशा में नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 27 अगस्त है। इन सभी 12 सीटों पर 3 सितंबर को मतदान होगा।
मध्यप्रदेश में कौन होगा उम्मीदवार?-मध्यप्रदेश में भी सिंधिया के लोकसभा में जाने के बाद से राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई है, इस पर अब चुनाव हो रहा है। राज्यसभा की एक सीट पर भाजपा के अंदर कई दावेदार है। इसमें सबसे प्रमुख नाम पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और गुना-शिवपुरी के पूर्व सांसद केपी यादव का है।
भाजपा के फायर ब्रांड नेता और प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भाजपा की ओर से राज्यसभा के लिए टिकट के दावेदारों में सबसे आगे माने जा रहे है। विधानसभा चुनाव में दतिया से हार का सामना करने वाले नरोत्तम मिश्रा को पार्टी ने लोकसभा चुनाव के समय न्यू ज्वानिंग टोली का संयोजक बनाया था और नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के तीन वर्तमान विधायकों के साथ तीन पूर्व सांसदों के साथ जबलपुर महापौर और बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल कराकर बखूबी अपनी भूमिका को अंजाम दिया। ऐसे में अब केंद्रीय नेतृत्व नरोत्तम मिश्रा को राज्यसभा भेज कर उनकी वरिष्ठता का फायदा उच्च सदन और प्रदेश में ले सकता है।
मध्यप्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिए दूसरा दावेदारी में नाम पूर्व सासंद केपी यादव का है। दरअसल लोकसभा चुनाव में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने केपी यादव का टिकट काटकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से लड़ाया था। वहीं लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुना आए तो उन्होंने केपी यादव का जिक्र करते हुए कहा कि गुना के लोगों को दो-दो नेता मिलेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आपको केपी यादव भी मिलेंगे। केपी यादव ने गुना की जनता की बहुत सेवा की है। उनकी चिंता आप मुझ पर छोड़ देना। आपको कुछ करने की जरूरत नहीं है। ऐसें अब माना जा रहा है कि सिंधिया की खाली कई गई सीट पर बचे दो साल के समय के लिए पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व केपी यादव को राज्यसभा भेज सकता है।
राज्यसभा चुनाव में पार्टी किसी नए चेहरे पर भी दांव लगा सकती है। इसी साल मार्च में प्रदेश की खाली हुई पांच राज्यसभा सीटों में से पार्टी ने तीन नए चेहरों को उतार कर सभी को चौंका दिया था। ऐसे में पार्टी किसी नए चेहरे को भेज सकती है।
राजस्थान में कांग्रेस की सीट भाजपा के खाते में जाना तय-मध्यप्रदेश के साथ राजस्थान में भी रिक्त ही राज्यसभा सीट के लिए चुनाव होगा। विधानसभा की सदस्य संख्या के हिसाब से सीट भाजपा के खाते में जाना तय है। राजस्थान की सीट कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। वेणुगोपाल ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट छोड़ी थी। राजस्थान में कांग्रेस-बीजेपी के मौजूदा संख्या बल को देखते हुए इस सीट पर बीजेपी की जीत लगभग तय है, क्योंकि जीत के लिए 99 विधायकों के वोट चाहिए लेकिन कांग्रेस के पास महज 66 विधायक हैं, अगर कांग्रेस ने उम्मीदवार नहीं उतारा तो बीजेपी उम्मीदवार का निर्विरोध निर्वाचन हो सकता है।
राजस्थान से भाजपा का उम्मीदवार कौन होगा यह भी तय नहीं है। भाजपा राजस्थान से पंजाब से केंद्रीय मंत्री बनने वाले रवनीत सिंह बिट्टू को भेजकर जाट और क्षत्रिय समीकरण को साध सकती है। इसके साथ राज्य भाजपा के दिग्गज नेता ओम प्रकाश माथुर, डॉ सतीश पूनियां, राजेंद्र राठौड़ जैसे नाम भी उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल है।
हरियाणा में कौन होगा उम्मीदवार?– हरियाणा में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उपचुनाव हो रहा है। विधानसभा के सियासी समीकरण के हिसाब से यहां से भी भाजपा का उम्मीवार जितना तय माना जा रहा है। राज्यसभा की खाली हुई सीट का कार्यकाल अप्रैल 2026 तक है। ऐसे में भाजपा यह से अपना उम्मीदवार जिताकर उपरी सदन में अपनी ताकत को मजबूत करना चाह रही है।
राज्यसभा सांसद जो जीते लोकसभा चुनाव-मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अब गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से सांसद बन गए है। वहीं महाराष्ट्र से भाजपा के राज्यसभा के सांसद रहे पीयूष गोयल और उदयनराजे भोंसले अब लोकसभा के सदस्य हैं। मुंबई उत्तर सीट से जीते गोयल को मोदी सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री बनाया गया। वहीं दूसरे नेता उदयनराजे भोंसले सतारा से लोकसभा सांसद चुने गए। इसके अलावा मीसा भारती (बिहार), विवेक ठाकुर (बिहार), कामाख्या प्रसाद तासा (असम), सर्बानंद सोनोवाल (असम), केसी वेणुगोपाल (राजस्थान) और बिप्लब कुमार देब (त्रिपुरा) भी लोकसभा चुनाव जीते हैं।