यह मामला तत्कालीन भाजपा मंत्री आत्माराम पटेल पर हमले से जुड़ा है जो पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला के करीबी माने जाते थे। वर्ष 1998 में केशुभाई पटेल की अगुवाई वाली तत्कालीन भाजपा सरकार ने सीआरपीसी की धारा 321 के तहत यह दरख्वास्त लगाई थी। आरोपियों के विरुद्ध हत्या के प्रयास एवं अन्य आरोपों को लेकर प्राथमिकी दर्ज होने के दो साल बाद यह अर्जी लगाई गई थी।
उसके पश्चात तोगड़िया एवं अन्य अदालत में पेश हुए और वारंट रद्द हुआ। अदालत ने सरकार के आवेदन पर कोई आदेश नहीं जारी किया था, इसलिए वारंट जारी किए गए थे। बीस मई, 1996 में यहां सरदार पटेल स्टेडियम में भाजपा के एक कार्यक्रम में आत्माराम पटेल और कई अन्य भाजपा नेताओं पर केशुभाई पटेल के समर्थकों ने हमला किया था।