बीस विपक्षी नेताओं का नेतृत्व कर रहे उमर ने राष्ट्रपति से एक घंटे की मुलाकात के बाद कहा कि केंद्र सरकार के यह मानने में विफल रहने कि कश्मीर में मुद्दा अधिकांशत: राजनीतिक प्रकृति का है, के कारण पहले से ही अशांत स्थिति और खराब हो गई है।
उमर ने कहा कि स्थिति से राजनीतिक नजरिए से निपटने से केंद्र का लगातार इनकार ‘‘निराशाजनक है और इससे राज्य में शांति एवं स्थिरता के लिए दीर्घकालिक जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख जीए मीर के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक, माकपा विधायक एमवाई तारिगामी और निर्दलीय विधायक हाकिम यासीन भी थे। उमर ने कहा कि कश्मीर घाटी में 42 दिन से सुलग रही आग पहले ही पीर पंजाल और जम्मू क्षेत्र की चेनाब घाटी तथा करगिल क्षेत्र तक फैलनी शुरू हो चुकी है। (भाषा)