गिरफ्तार DSP देवेंद्र सिंह की आफत बढ़ी, लिया जा सकता है राष्ट्रपति पदक, आतंकियों की तरह होगा केस दर्ज
नई दिल्ली। श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर हिज्बुल मुजाहिदीन के खूंखार आतंकवादियों के साथ वाहन में सफर कर रहे जम्मू-कश्मीर के DSP देवेंद्र सिंह की मुसीबतें काफी ज्यादा बढ़ने जा रही हैं। गिरफ्तारी के बाद जिस वीरता के लिए उसे राष्ट्रपति पदक दिया गया था, वह उससे वापस लिया जा सकता है। यही नहीं, उसके साथ वही सलूक किया जाएगा, जो आतंकियों के साथ किया जाता है। आतंकी के तौर पर उसके खिलाफ केस भी दर्ज होगा।
आईजीपी विजय कुमार ने कहा कि हमारे ही महकमे के एक डीएसपी रैंक के अधिकारी ने जघन्य अपराध किया है। वह देश के दुश्मनों के साथ पकड़ा गया है, लिहाजा इसमें किसी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी। यह भी पता लगाया जा रहा है कि मामूली से सब इंस्पेक्टर से भर्ती होकर वह डीएसपी तक कैसे पहुंचा।
रिश्तेदार के घर रहता था देवेंद्र सिंह : पता चला है कि बीते 5 सालों से डीएसपी देवेंद्र सिंह अपने एक रिश्तेदार के घर किराए पर रहा था। गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसके रिश्तेदार की भी तलाश की, जहां फिलहाल ताला लगा हुआ है। सनद रहे कि देवेंद्र की एक बेटी बांग्लादेश में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही है जबकि बेटा कश्मीर के बर्न हॉल स्कूल में पढ़ रहा है।
घर पर भी ले गया था आतंकियों को : जम्मू कश्मीर पुलिस की कड़ी पूछताछ में देवेंद्र ने बताया कि कार में रवाना होने के पहले वह आतंकवादियों को अपने किराए वाले घर पर भी ले गया था। पुलिस ने इस पूरे मामले की जानकारी गृह मंत्रालय को दे दी है। देवेंद्र के साथ गिरफ्तार आतंकियों में लश्कर का शोपियां जिला कमांडर सईद नवीद मुश्ताक उर्फ नवीद बाबू तथा हिज्बुल का अल्ताफ आसिफ डार शामिल हैं। नवीद ए प्लस कैटेगरी का आतंकी है। शोपियां के नाजीपोरा निवासी नवीद 2 मई, 2014 से संगठन में सक्रिय है।