राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर एनडीए सहयोगियों और विपक्षी पार्टियों से मिल रहे भाजपा नेताओं ने राय-मशविरे का दौर पूरा कर लिया है। अब उम्मीदवार का ऐलान करने के लिए आज भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक होने वाली है।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी में इस बात को लेकर रजामंदी बनी है कि किसी सक्रिय राजनीतिक हस्ती को ही देश के इस सर्वोच्च पद पर काबिज होना चाहिए। रविवार को शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, 'हमने सहयोगियों और विपक्षी पार्टियों से विस्तृत चर्चा की है। अब संसदीय बोर्ड संभावित नामों पर विचार करेगा और अगले कुछ दिन में फैसले का ऐलान कर दिया जाएगा।'
एनडीए सरकार में मंत्री रामविलास पासवान से मुलाकात के बाद नायडू ने बताया कि एनडीए के राष्ट्रपति का ऐलान 23 जून से पहले कर दिया जाएगा। नायडू ने कहा, 'मैंने रामविलास पासवान राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित सभी घटनाक्रम से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि उनका रुख साफ है और पीएम नरेंद्र मोदी जो भी फैसला करेंगे, वो उन्हें कबूल होगा।' उन्होंने आगे कहा, ' सब कुछ वक्त पर होगा। 24 जून को पीएम विदेश जा रहे हैं, इसलिए फैसला इससे पहले लेना होगा।'
बाद में नायडू ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की। नायडू भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी मिले और राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी पार्टियों और सहयोगियों की राय के बारे में उन्हें जानकारी दी। बता दें कि नायडू, राजनाथ और वित्त मंत्री अरुण जेटली उस कमिटी के सदस्य हैं, जिसे बीजेपी अध्यक्ष ने राष्ट्रपति उम्मीदवार तय करने के मुद्दे पर गठित किया है। इसी कमिटी ने विभिन्न राजनीतिक दलों से कैंडिडेट के मुद्दे पर एकराय बनाने की कोशिश की है।
नायडू ने एसपी नेता रामगोपाल यादव और नरेश अग्रवाल से फोन पर बातचीत की। माना जा रहा है कि एसपी नेताओं ने किसी राजनेता को राष्ट्रपति कैंडिडेट बनाए जाने को तरजीह देने की बात कही। वहीं, तृणमूल चीफ ममता बनर्जी ने सुझाव दिया कि या तो प्रणव मुखर्जी को दूसरा कार्यकाल देना चाहिए या फिर किसी सीनियर राजनेता को कैंडिडेट बनाया जाए।
नायडू ने एसपी के सबसे सीनियर नेता मुलायम सिंह यादव से लेकर पूर्व सीएम अखिलेश यादव के नजदीकियों से भी मुलाकात की। स्पष्ट है कि बीजेपी इस बार कोई चांस नहीं लेना चाहती। बता दें कि नायडू और राजनाथ ने सोनिया गांधी और अन्य कांग्रेस लीडर्स से भी मुलाकात की थी, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। वहीं, लेफ्ट ने साफ कर दिया है कि जब तक एनडीए की ओर से किसी कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया जाता, तब तक बातचीत का कोई फायदा नहीं है।
भाजपा और उसकी सहयोगी शिवसेना के बीच कड़वाहट की खबरों के बीच राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर एनडीए धड़े के लिए राहत की खबर है। भाजपा के एक मंत्री ने रविवार को बताया कि इस बार शिवसेना उनके साथ होगी। बता दें कि बीते दो राष्ट्रपति चुनावों में शिवसेना अपने सहयोगी को ठेंगा दिखाते हुए यूपीए कैंडिडेट को समर्थन दे चुकी है।
माना जा रहा है कि रविवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात के दौरान शाह ने उन्हें मतभेद भुलाकर साथ आने के लिए राजी कर लिया। साथ ही उद्धव को यह भरोसा भी दिया कि किसी भी उम्मीदवार का नाम फाइनल करने से पहले एनडीए के सभी घटक दलों से राय ली जाएगी।