तमिलनाडु के तिरुवेदांती में आयोजित रक्षा प्रदर्शनी का औपचारिक उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए रक्षा खरीद प्रक्रिया में कई विशेष प्रावधान जोड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि शांति के लिए हमारी प्रतिबद्धता उतनी ही मजबूत है जितनी की हमारे लोगों और सीमाओं की रक्षा के लिए हमारी दृढ़ता।
इसके लिए रणनीतिक रूप से स्वतंत्र रक्षा उद्योग परिसर की स्थापना करने सहित सशस्त्र सेनाओं को हथियारों से लैस करने के लिए हर कदम उठाने को हम तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मई 2014 तक कुल 118 निर्यात अनुमति दी गई थी जिसकी कुल कीमत 57.7 करोड़ डॉलर थी। 4 साल से भी कम समय में हमने निर्यात की और 794 अनुमति दी है, जिसकी कुल कीमत 1.3 अरब डॉलर से भी ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब रक्षा तैयारियों का महत्वपूर्ण मसला नीतिगत जड़ता के कारण प्रभावित होता था। हमने देखा है कि ऐसा आलस्य, अक्षमता और संभवत: कुछ छुपे हुए स्वार्थ किस प्रकार से देश को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लेकिन, अब नहीं, अब बिलकुल नहीं, कभी भी नहीं। प्रधानमंत्री ने रद्द किए गए एमएमआरसीए सौदे का अप्रत्यक्ष हवाला देते हुए कहा कि किसी ठोस परिणाम के बगैर हम 10 वर्ष चर्चा में नहीं लगाना चाहते हैं। (भाषा)