PM मोदी बोले- भारत सौर ऊर्जा को बहुत महत्व दे रहा है, 6 सालों में हुई 13 गुना वृद्धि

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021 (20:25 IST)
तिरुवनंतपुरम। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मजबूती से मुकाबला सुनिश्चित करने के लिए भारत सौर ऊर्जा को बहुत महत्व दे रहा है। भारत की सौर ऊर्जा क्षमता में पिछले छह सालों में 13 गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों को सौर ऊर्जा क्षेत्र से जोड़ने के लिए भी सरकार लगातार प्रयास कर रही है।

केरल में बिजली और शहरी क्षेत्र की कई प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि भारत की सौर ऊर्जा क्षमता में पिछले छह सालों में 13 गुना वृद्धि हुई है। ज्ञात हो कि केरल में इस साल अप्रैल-मई में विधानसभा के चुनाव होने हैं।

उन्होंने कहा, सौर ऊर्जा को भारत बहुत महत्व दे रहा है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हमारी उपलब्धि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मजबूत लड़ाई सुनिश्चित करती है। इससे हमारे उद्यमियों को भी बल मिलता है। अन्नदाताओं को ऊर्जादाता बनाने के लिए किसानों को सौर ऊर्जा से जोड़ने की दिशा में काम चल रहा है।

उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के माध्यम से भारत विश्व को एक मंच पर ले आया। शहरों को विकास का इंजन और नवोन्मेष का पावर हाउस बताते हुए मोदी ने कहा कि शहरों में कई स्तर पर बदलाव दिख रहा है।

उन्होंने कहा कि शहरी अधोसंरचना को सुधारने वाला अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) से शहरों में सीवरेज सुविधाएं और जल संबंधी अवसंरचना को बढ़ावा देने में मदद मिली है। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्यम से जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें 320 केवी पुगलुर (तमिलनाडु)- त्रिशूर (केरल) बिजली संचरण परियोजना, 50 मेगावाट कासरगोड सौर ऊर्जा परियोजना और अरुविकारा में बने 75 एमएलडी (दस लाख लीटर प्रतिदिन) का जल प्रशोधन संयंत्र शामिल है।

इसके साथ ही उन्होंने तिरुवनंतपुरम में एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र तथा तिरुवनंतपुरम में ही स्मार्ट सड़क परियोजना की आधारशिला भी रखी। इस अवसर पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के साथ-साथ केन्द्रीय विद्युत राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह और आवास व शहरी मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी भी उपस्थित थे।

पुगलुर (त्रिशूर पावर ट्रांसमिशन परियोजना एवं गलुर) त्रिशूर बिजली संचरण परियोजना एक वोल्टेज सोर्स कन्वर्टर (वीएससी) आधारित हाई वोल्टेड डायरेक्ट करेंट (एचवीडीसी) परियोजना है और इसमें भारत का पहला एचवीडीसी लिंक है जिसमें अत्याधुनिक वीएससी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।

लगभग 5070 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित यह परियोजना पश्चिमी क्षेत्र से 2000 मेगावाट बिजली भेजने की सुविधा प्रदान करेगी और केरल के लोगों के लिए लोड में वृद्धि को पूरा करने में मदद करेगी। कासरगोड सौर ऊर्जा परियोजना को राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन के तहत विकसित किया गया है।

कासरगोड जिले के पिवलीक, मींजा और चिप्पर गांवों में 250 एकड़ से ज्यादा जमीन पर फैली इस परियोजना का निर्माण केंद्र सरकार की करीब 280 करोड़ रुपए की मदद से किया गया है।(भाषा)

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