सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 'पृथ्वी-2' के लगातार 2 परीक्षण करने की योजना थी, लेकिन पहले सफल परीक्षण के बाद दूसरे परीक्षण के विचार को तकनीकी समस्याओं के चलते छोड़ दिया गया। इसी स्थल से 12 अक्टूबर 2009 को 2 परीक्षण किए गए थे तथा दोनों सफल रहे थे।
सूत्रों ने बताया कि मिसाइल के प्रक्षेपण पर डीआरडीओ राडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम से निगरानी की गई। बंगाल की खाड़ी में इसके प्रभाव स्थल पर एक पोत पर तैनात टीम ने नीचे आने के इसके पूरे सफर का परीक्षण किया।