किशोर के रक्त के नमूने कथित तौर पर बदलने को लेकर उसके पिता विशाल और मां शिवानी अग्रवाल तथा बिचौलिया अश्पक मकंदर के खिलाफ जांच की जा रही है। किशोर के रक्त का नमूना, 19 मई को हुई दुर्घटना के दौरान उसके शराब के नशे में होने या ना होने का पता लगाने के लिए एकत्र किया जाना था।
मकंदर पर अग्रवाल दंपति और ससून अस्पताल के चिकित्सकों के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाने का आरोप है, जहां ऐसे मामलों में रक्त के नमूने एकत्र किए जाते हैं। आरोप है कि किशोर के रक्त के नमूने को उसकी मां शिवानी अग्रवाल के रक्त के नमूनों से बदल दिया गया। दंपति और मकंदर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया।
अभियोजन पक्ष ने किशोर के माता-पिता को न्यायिक हिरासत में भेजने का, लेकिन मकंदर को और तीन दिनों के लिए पुलिस हिरासत में सौंपने का अनुरोध किया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, जांच में पता चला है कि किशोर के रक्त के नमूने बदले जाने से पहले उसने उसके माता-पिता से मुलाकात की थी और पुलिस इस पहलू की जांच करना चाहती है। बचाव पक्ष के वकील ने इस अनुरोध का विरोध किया।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने किशोर के माता-पिता और मकंदर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। यहां कल्याणी नगर इलाके में अनीश अवधिया (24) और अश्विनी कोष्टा (24) नाम के दो आईटी पेशेवरों की उस समय मौत हो गई, जब 17 वर्षीय किशोर द्वारा कथित तौर पर चलाई जा रही पोर्श कार ने उनकी मोटरसाइकल को टक्कर मार दी थी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour