उन्होंने कहा कि सिद्धू तो एक मंत्रालय भी नहीं चला पाए। सिद्धू पार्टी के लिए मुसीबत हैं। इसके बाद पद छोड़ने का फैसला किया। हालांकि इस्तीफे के बाद उन्होंने बागी तेवर दिखाते हुए स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि पार्टी जिसको चाहे मुख्यमंत्री बनाए, लेकिन वे उसे स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने पूरी जिंदगी कांग्रेस के लिए काम किया।