खरगे ने विपक्ष की बैठक के दूसरे दिन की शुरुआत में कहा कि इस बैठक में हमारी मंशा अपने लिए सत्ता हासिल करने की नहीं है। हमारा इरादा हमारे संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरेपक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा करना है। उन्होंने स्वीकार किया कि विपक्षी दलों के बीच राज्य स्तर पर मतभेद हैं, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि ये मतभेद विचारधारा से संबंधित नहीं हैं।
कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि ये मतभेद उतने बड़े नहीं है कि हम उन्हें महंगाई की मार झेल रहे मध्यम वर्ग और आम आदमी की खातिर, बेरोजगारी से जूझ रहे हमारे युवाओं की खातिर, गरीबों की खातिर और पर्दे के पीछे चुपचाप कुचले जा रहे दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों की खातिर पीछे नहीं छोड़ सकते।
उन्होंने कहा कि यहां 26 दल एकजुट हुए हैं और ये आज 11 राज्यों की सरकारों में हैं। खरगे ने कहा कि भाजपा को 303 सीट अकेले के दम पर नहीं मिलीं। उसने अपने सहयोगियों के मतों का इस्तेमाल किया और सत्ता में आने के बाद उन्हें त्याग दिया। आज, भाजपा अध्यक्ष और पार्टी नेता अपने पुराने सहयोगियों से समझौता करने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य दौड़ लगा रहे हैं। (भाषा)