न्यायमूर्ति वीएम कनाडे और न्यायमूर्ति शालिनी फानसाल्कर जोशी की खंडपीठ ने अधिवक्ता फाल्गुनी ब्रह्मभट्ट की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया। इस याचिका में अश्लीलता, धोखाधड़ी और धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में राधे मां के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
इससे पहले, राधे मां उस समय विवादों में घिर गई थीं, जब पांच अगस्त को 32 साल की एक महिला ने उपनगर कांदीवली पुलिस को शिकायत देकर आरोप लगाया था कि उन्होंने उसके ससुरालवालों को दहेज की मांग करने के लिए उकसाया है।