नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस वर्ष सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की अनुमानित दर 6.5 प्रतिशत रहने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली पर तंज कसते कहा कि प्रधानमंत्री की विभाजनकारी राजनीति के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न मापदंडों में तेजी से गिरावट आई है।
केंद्र सरकार के कार्यकाल में नए निवेशों, बैंकों की साख वृद्धि, रोजगार सृजन और कृषि की सकल मूल्यवर्धित सेवा वृद्धि क्षेत्र में कमी और राजकोषीय घाटे के लगातार बढ़ने के मामले में सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर गांधी ने शनिवार को कहा कि वित्तमंत्री अरुण जेटली और मोदी की विशिष्ट जोड़ी ने सकल विभाजन राजनीति (जीडीपी) अपनाकर नए निवेशों की संख्या 13 वर्षों के निचले स्तर पर पहुंचा दी है।
राहुल ने कहा कि बैंक साख वृद्धि 63 वर्षों के निचले स्तर पर, रोजगार सृजन 8 वर्षों के निचले स्तर पर और कृषि की सकल मूल्यवर्धित सेवा वृद्धि में 1.7 प्रतिशत की कमी आई है और राजकोषीय घाटा पिछले 8 वर्षों की तुलना में सबसे ज्यादा बढ़ा है। इसके अलावा अनेक परियोजनाओं के रुकने की दर में भी इजाफा हुआ है।
गौरतलब है कि मुख्य सांख्यिकीविद टीसीए अनंत ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया था कि केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय के अनुमान के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष (2017-18) में जीडीपी दर 6.5 रहने पर राहुल ने मोदी, जेटली पर साधा निशाना
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस वर्ष सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की अनुमानित दर 6.5 प्रतिशत रहने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली पर तंज कसते कहा कि प्रधानमंत्री की विभाजनकारी राजनीति के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न मापदंडों में तेजी से गिरावट आई है।
केंद्र सरकार के कार्यकाल में नए निवेशों, बैंकों की साख वृद्धि, रोजगार सृजन और कृषि की सकल मूल्यवर्धित सेवा वृद्धि क्षेत्र में कमी और राजकोषीय घाटे के लगातार बढ़ने के मामले में सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर गांधी ने शनिवार को कहा कि वित्तमंत्री अरुण जेटली और मोदी की विशिष्ट जोड़ी ने सकल विभाजन राजनीति (जीडीपी) अपनाकर नए निवेशों की संख्या 13 वर्षों के निचले स्तर पर पहुंचा दी है।
राहुल ने कहा कि बैंक साख वृद्धि 63 वर्षों के निचले स्तर पर, रोजगार सृजन 8 वर्षों के निचले स्तर पर और कृषि की सकल मूल्यवर्धित सेवा वृद्धि में 1.7 प्रतिशत की कमी आई है और राजकोषीय घाटा पिछले 8 वर्षों की तुलना में सबसे ज्यादा बढ़ा है। इसके अलावा अनेक परियोजनाओं के रुकने की दर में भी इजाफा हुआ है।
गौरतलब है कि मुख्य सांख्यिकीविद टीसीए अनंत ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया था कि केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय के अनुमान के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष (2017-18) में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी। पिछले वित्त वर्ष (2016-17) में यह 7.1 प्रतिशत थी। उन्होंने यह भी कहा था कि वित्त वर्ष की अगली दोनों तिमाहियों में वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहेगी, जो पिछली दोनों तिमाहियों के मुकाबले बेहतर होगी। (वार्ता)