उन्होंने प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ खुले संवाद के दौरान कहा कि आरएसएस और उसके विचारक तंत्र में सुनियोजित तरीके से औसत दर्जे के लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं। वे शैक्षणिक संस्थानों के दर्जे को गिराने पर आमादा हैं। यह बस शिक्षा व्यवस्था की बात नहीं है बल्कि नौकरशाही एवं न्यायिक प्रणाली में भी ऐसा हो रहा है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने विद्यार्थियों को उनकी आवाज संसद में उठाने का आश्वासन देते कहा कि आरएसएस अपने विचार का प्रचार-प्रसार चाहता है। वे आपको राष्ट्रविरोधी, हिन्दू विरोधी कहेंगे। वे आपसे डरे हुए हैं। यह धौंसपट्टी का स्वभाव है। (भाषा)