मनामा। कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के पश्चात भारत के बाहर पहली बार प्रवासी भारतीयों को अपने संबोधन में राहुल गांधी ने सरकार पर लोगों को जाति एवं धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वह बेरोजगार युवाओं के गुस्से को समाज में नफरत में बदल रही है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से घृणा एवं विभाजन की शक्तियों से लड़ने में मदद की अपील की।
उन्होंने दावा किया कि नौकरियां पैदा करने में सरकार की विफलता से भारत में व्यापक अशांति है महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और बी आर अंबेडकर को भी प्रवासी करार देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों को भारत के विचार की रक्षा के लिए 1947 में आपकी जरुरत महसूस हुई थी और अब मैं भारत को बदलने के लिए आपकी मदद मांगने आया हूं।
उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति बिल्कुल विचित्र अनुभव है एवं नेताओं द्वारा किसी की निशानदेही करना गलत है, इससे लोगों के खिलाफ नफरत और हिंसा होती है। जब ऐसे अपराध होते हैं तो सरकार उन पर चुप रहती है, ऐसा नहीं होना चाहिए। (भाषा)