उन्होंने ट्वीट किया कि अनेक राज्यों द्वारा श्रम कानूनों में संशोधन किया जा रहा है। हम कोरोना के खिलाफ मिलकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन यह मानवाधिकारों को रौंदने, असुरक्षित कार्यस्थलों की अनुमति, श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता।
कांग्रेस ने कहा कि इन मूलभूत सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं हो सकता। दरअसल, कई राज्यों ने अपने यहां श्रमिकों के लिए कामकाज के घंटे को आठ घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया है। कांग्रेस के नेता पिछले कई दिनों से श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं। (भाषा)