गांधी ने सोमवार को अपने ट्विटर पर भागवत के बयान की निंदा करते हुए लिखा कि संघ प्रमुख का यह बयान प्रत्येक भारतीय का अपमान है, चूंकि इससे देश के लिए जान न्योछावर करने सैनिकों का अपमान हुआ है और यह देश के झंडे का भी अपमान है।
इस बयान से तिरंगे को सलाम करने वाले सैनिकों का अपमान हुआ है। भागवत को सेना और शहीदों का अपमान करने के लिए शर्म आनी चाहिए। संघ प्रमुख के कल एक बयान में कहा था कि यदि जरूरत पड़ी तो देश के लिए संघ के पास तीन दिन के अंदर 'सेना' तैयार करने की क्षमता है। उधर संघ की ओर से भागवत के बिहार के मुजफपफरपुर में दिए गए बयान पर सफाई दी गई है। संघ ने जारी बयान में कहा है कि मोहन भागवत भारतीय सेना की तुलना संघ से नहीं कर रहे थे। (वार्ता)