श्रीनगर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जब 'भारत जोड़ो यात्रा' शुरू की थी तो उनकी दाढ़ी छोटी थी और बाल भी अपेक्षाकृत ज्यादा बड़े नहीं थे लेकिन यात्रा समाप्त होते होते उनके हुलिए में व्यापक बदलाव देखने को मिला है। अब उनकी दाढ़ी बढ़ी हुई है और घुंघराले बाल भी बढ़ चुके हैं।
यात्रा के दौरान प्रतिद्वंद्वियों द्वारा बढ़ी हुई दाढ़ी को लेकर उनकी तुलना इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन, जर्मन दार्शनिक कार्ल मार्क्स और 'फॉरेस्ट गम्प' के नायक से की गई। एक सवाल यह भी है कि- क्या 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान राहुल गांधी अपनी 'पप्पूकरण' छवि से बाहर निकल आए हैं?
कन्याकुमारी से शुरू हुई इस यात्रा का समापन सोमवार को कश्मीर में हुआ और यह यात्रा 145 दिन तक चली। यात्रा के दौरान 4 हजार किलोमीटर की दूरी तय की गई। विज्ञापन उद्योग के दिग्गज प्रह्लाद कक्कड़ ने कहा कि दाढ़ी के कारण उनमें कुछ हद तक गंभीरता दिखाई दी है। वे एक गंभीर व्यक्ति के रूप में नजर आए हैं। वे अब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पोते और राजीव गांधी के बेटे नहीं हैं और वे अब राहुल गांधी हैं। यह बहुत बड़ा बदलाव है जिसे लोग मान रहे हैं।
छवि विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का नया दाढ़ी वाला हुलिया एक संदेश भेजने के प्रयास का हिस्सा हो सकता है। मीडिया फर्म 'एफसीबी ग्रुप इंडिया' के सीईओ रोहित ओहरी ने कहा कि 'भारत जोड़ो यात्रा' से गांधी के हुलिए में बड़ा बदलाव आया और उनकी खिचड़ी दाढ़ी इस बदलाव का प्रतीक है।
ओहरी ने कहा कि उनमें अब अधिक आत्मविश्वास नजर आ रहा है और अब उनमें कभी हार नहीं मानने वाले व्यक्ति भी दिखाई दे रहा है। कक्कड़ ने कहा कि लोगों ने नहीं सोचा था कि राहुल गांधी के पास यात्रा करने का सामर्थ्य हैं। यह 'भारत जोड़ो यात्रा' उनकी छवि बदलने के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी।
उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिज्ञों ने महसूस किया है कि वोट पाने के लिए कोई आसान छोटा रास्ता नहीं हैंऔर इसके लिए यह जरूरी है कि आप ईमानदार बनें और जब तक आप सड़कों पर नहीं उतरेंगे और कड़ी मेहनत नहीं करेंगे, लोग आपसे प्रभावित नहीं होंगे।
कक्कड़ ने कहा कि गांधी यात्रा की लगभग पूरी अवधि में एक सफेद टी-शर्ट में देखे गए, केवल आखिरी दिन को छोड़कर जब उन्होंने ठंड से बचने के लिए एक कश्मीरी 'फिरन' पहना था। इससे वे सभी को आश्चर्यचकित करने में कामयाब रहे। कक्कड़ ने कहा कि अब जब यात्रा समाप्त हो गई है तो अहम सवाल यह होगा कि दाढ़ी साफ करवानी है या नहीं?
ओहरी ने कहा कि मेरा मानना है कि यह दाढ़ी अभी बनी रहने वाली है और इसके साथ ही इस सबसे पुरानी पार्टी को यह उम्मीद है कि यह बदलाव हमेशा के लिए है। 'इमेज कंसल्टिंग बिजनेस इंस्टीट्यूट' की सह-संस्थापक सुमन अग्रवाल के मुताबिक गांधी ने जो नया हुलिया अपनाया है, वह छवि प्रबंधन (इमेज मैनेजमेंट) की भाषा में 'स्ट्रेटेजिक ड्रेसिंग' है।
ओहरी ने कहा कि यह बुद्धिमत्ता के नए युग, राजकुमार की कड़ी मेहनत, खुद से पहले राष्ट्र और कभी हार न मानने की प्रतीक है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह नया रूप उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में किस हद तक मदद करेगा, यह देखना बाकी है।
जम्मू में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा और आरएसएस ने उनकी छवि को विकृत करने के लिए बहुत व्यवस्थित तरीके से हजारों करोड़ रुपए झोंके लेकिन सच्चाई हमेशा सामने आकर रहती है।(भाषा)(फोटो सौजन्य : ट्विटर)