PM मोदी ने खुद को बताया सबसे बड़ा OBC, राहुल गांधी बोले फिर गिनती से क्यों डरते हैं

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 6 फ़रवरी 2024 (00:28 IST)
Rahul Gandhi's response to Prime Minister Narendra Modi's vote of thanks : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने संबोधन में विपक्षी दलों के साथ साथ कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने परिवारवाद की राजनीति के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा और परोक्ष रूप से राहुल गांधी पर यह कहते हुए तंज कसा कि एक ही प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च करने के चक्कर में कांग्रेस को नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को इतना बड़ा OBC नहीं दिखता है क्या? इस पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया आई है।
 
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री इस बीच अक्सर कह रहे थे देश में सिर्फ दो जातियां हैं- अमीर और गरीब, मगर आज संसद में उन्होंने खुद को ‘सबसे बड़ा ओबीसी’ बताया। किसी को छोटा और किसी को बड़ा समझने की इस मानसिकता को बदलना जरूरी है। 
 
रांची में भी साधा निशाना : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनने पर राष्ट्रव्यापी जाति आधारित जनगणना कराने और आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने का सोमवार को वादा किया। गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि जब जाति आधारित जनगणना की मांग उठी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), दलितों और आदिवासियों को अधिकार देने का समय आया, तो प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई जाति नहीं है, लेकिन जब वोट लेने का समय आता है तो वह कहते हैं कि वह ओबीसी हैं।
 
गांधी ने यह आरोप भी लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)-कांग्रेस- राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सरकार को गिराने का प्रयास किया, क्योंकि मुख्यमंत्री एक आदिवासी थे। गांधी ने मणिपुर से महाराष्ट्र तक की अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान यहां शहीद मैदान में आयोजित एक रैली में कहा, गठबंधन के सभी विधायकों, (चंपई) सोरेन जी को बधाई देना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने भाजपा-आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की साजिश को रोक दिया और गरीबों की सरकार की रक्षा की।
 
गांधी ने दावा किया कि दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) को बंधुआ मजदूर बनाया गया और बड़ी कंपनियों, अस्पतालों, विद्यालयों, महाविद्यालयों और अदालतों में उनकी भागीदारी नहीं है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, यह भारत के सामने सबसे बड़ा सवाल है। हमारा पहला कदम देश में जाति आधारित जनगणना कराना होगा।
 
दलितों और आदिवासियों के आरक्षण में कोई कटौती नहीं होगी : गांधी ने कहा कि मौजूदा प्रावधानों के तहत 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता। उन्होंने वादा किया कि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की सरकार आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटा देगी। उन्होंने कहा, दलितों और आदिवासियों के आरक्षण में कोई कटौती नहीं होगी। मैं आपको गारंटी दे रहा हूं कि समाज के पिछड़े वर्गों को उनका अधिकार मिलेगा। यह सबसे बड़ा मुद्दा है- सामाजिक और आर्थिक अन्याय।
 
झारखंड विधानसभा में चंपई सोरेन नीत सरकार के विश्वास मत हासिल कर लेने के बाद गांधी ने भाजपा की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ने सरकार को हटाने की कोशिश की, क्योंकि वह एक आदिवासी को मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार नहीं कर सकती।
 
कांग्रेस नेता ने कहा, कांग्रेस, झामुमो एक साथ उनके खिलाफ खड़े हुए और सरकार बच गई। वे जांच एजेंसियों और धनबल के माध्यम से विपक्ष शासित सभी राज्यों में ऐसा करते हैं। वे (भाजपा) लोकतंत्र, संविधान पर हमला कर रहे हैं और लोगों की आवाज दबाना चाहते हैं। ‘इंडिया’ गठबंधन लोकतंत्र की आवाज को दबाने नहीं देगा।
 
गांधी ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन से भी मुलाकात की। उन्होंने मोदी सरकार पर अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के निजीकरण का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए उस पर निशाना साधा।
 
सरकार धीरे-धीरे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को खत्म कर रही : गांधी ने आरोप लगाया, नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार धीरे-धीरे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को खत्म कर रही है। केंद्र सरकार चाहती है कि हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचईसी लिमिटेड) काम न करे और आने वाले दिनों में वे एचईसी नाम की जगह अडाणी का बोर्ड लगा देंगे। गांधी ने आरोप लगाया, वे इसका निजीकरण करना चाहते हैं। मैं जहां भी जाता हूं, मुझे पीएसयू के लोग हाथों में पोस्टर लेकर खड़े दिखते हैं। चाहे वह बीएचईएल हो, एचएएल हो या एचईसी, सभी को धीरे-धीरे अडाणी को सौंपा जा रहा है।
 
उन्होंने जोर दिया कि कांग्रेस इस तरह का निजीकरण नहीं होने देगी। उन्होंने कहा, मैं भाजपा के लोगों से कहना चाहता हूं कि आपको जो करना है, आप करें, हम एचईसी पर अडाणी का नाम नहीं आने देंगे। हम अडाणी को यह मुफ्त उपहार नहीं देने देंगे। जब हमारी सरकार आएगी तो पूरा समर्थन दिया जाएगा और प्रतिस्पर्धी बनाया जाएगा।
 
गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र अडाणी को फायदा पहुंचाने के लिए सभी सार्वजनिक उपक्रमों का गला घोंट रहा है। उन्होंने कहा कि यह निजीकरण दलितों, ओबीसी, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और सामान्य जाति के गरीबों से चोरी करने का एक प्रयास है। जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर जोर देते हुए गांधी ने रैली में शामिल लोगों से पूछा कि क्या किसी को दलितों, आदिवासियों और (अन्य पिछड़ा वर्ग) ओबीसी की संख्या का पता है। उन्होंने कहा, कोई संख्या नहीं बता सकता। देश में कम से कम 50 प्रतिशत ओबीसी हैं।
 
सरकार चलाने वाले 90 सचिवों में से केवल 3 ही ओबीसी वर्ग से : गांधी ने यह भी कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने उन्हें बताया है कि उनकी सरकार ने राज्य के लोगों से किया गया जाति सर्वेक्षण का वादा पूरा किया है। उन्होंने कहा कि कुछ महीनों में दलितों, ओबीसी, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और सामान्य जाति के गरीबों को अपनी संख्या की जानकारी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार चलाने वाले 90 सचिवों में से केवल तीन ही ओबीसी वर्ग से हैं।
 
गांधी ने दावा किया कि नोटबंदी के कारण देश में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी है और छोटे एवं मध्यम उद्यम बर्बाद हो गए हैं। कांग्रेस नेता गांधी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने झूठ बोला और कहा कि ‘मैं काले धन के खिलाफ लड़ रहा हूं’ और फिर नोटबंदी की, फिर जीएसटी लागू किया। ऐसी स्थिति में भारतीय युवाओं को नौकरी नहीं मिल सकती।
गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा-आरएसएस विभिन्न धर्मों और भाषाओं के लोगों को लड़ाते हैं और फिर उनका पैसा लेते हैं और अरबपति गौतम अडाणी को सौंप देते हैं। यह रैली शहीद मैदान में हुई जो एचईसी परिसर का एक हिस्सा है। गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने एचईसी को ही बेचने का प्रयास किया है।
 
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि गांधी ने अपने भाषण में निजीकरण का मुद्दा उठाया क्योंकि यह झारखंड के लोगों द्वारा अनुभव किए गए सबसे गंभीर अन्यायों में से एक है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने कहा कि उन्होंने भाजपा-आरएसएस की नफरत और हिंसा के खिलाफ कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा की थी। उन्होंने कहा कि उस यात्रा में लाखों लोग एकसाथ चले और देश को एक नई राह दिखाई। उन्होंने कहा कि वह यात्रा अत्यंत सफल रही।
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उन्होंने कहा कि हजारों लोगों ने उनसे एक और यात्रा करने का आग्रह किया और इसलिए वह मणिपुर से महाराष्ट्र की यात्रा पर निकले हैं और भारत जोड़ो यात्रा में 'न्याय' शब्द जोड़ा है क्योंकि देश के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है। यात्रा आज रात खूंटी में रुकेगी और मंगलवार सुबह फिर शुरू होगी।
 
यात्रा ओडिशा में प्रवेश करने से पहले गुमला जिले से गुजरेगी। यात्रा 14 और 15 फरवरी को झारखंड लौटेगी। 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' 14 जनवरी को मणिपुर में शुरू हुई थी और 67 दिनों में यह 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 15 राज्यों के 110 जिलों से होते हुए 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी। (इनपुट भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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