महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में जलगांव-जामोद में आदिवासी महिला वर्कर्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि आदिवासी देश के पहले मालिक हैं और अन्य नागरिकों की तरह उनके समान अधिकार हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पंचायतों (अनुसूचित इलाकों का विस्तार) अधिनियम, वन अधिकार कानून, भूमि अधिकार, पंचायत राज कानून और स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण जैसे कानूनों को कमजोर कर रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आदिवासियों को वनवासी बुलाते हैं। आदिवासी और वनवासी शब्दों के अलग-अलग अर्थ हैं। उन्होंने कहा, वनवासी मतलब है कि आप केवल जंगलों में रह सकते हैं, शहरों में नहीं, आप डॉक्टर और इंजीनियर नहीं बन सकते तथा विमान से यात्रा नहीं कर सकते।
गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आदिवासियों की जमीन को छीनना तथा इसे उद्योगपति दोस्तों को देना चाहते हैं। उन्होंने कहा, जब हम सत्ता में आएंगे तो हम इन कानूनों को मजबूत करेंगे और आपकी भलाई के लिए नए कानून बनाएंगे।
गांधी ने कहा कि उनकी दादी (पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी कहती थीं कि आदिवासी देश के पहले मालिक हैं। उन्होंने कहा, अगर आप आदिवासियों की संस्कृति और इतिहास को नहीं समझते हैं, तो आप देश को नहीं समझ पाएंगे।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour