दरअसल, राहुल ने जैसे ही अपना भाषण समाप्त किया और सीधे जाकर मोदी के गले लग गए। जिस अंदाज में वे गले मिले उसे देखकर तो ऐसा लगा मानो वे गले पड़ गए। गले लगने के बाद वे तत्काल पीछे मुड़ गए, लेकिन मोदी ने उन्हें फिर बुलाया और हाथ मिलाया तथा उनके कान में कुछ कहा। इसके बाद राहुल अपनी सीट पर पहुंचे और अपने किसी साथी को देखकर आंख मार दी।
राहुल ने अपने भाषण में एक बाद कही थी कि प्रधानमंत्री हंस रहे हैं, लेकिन मुझसे आंख नहीं मिला सकते। लेकिन राहुल मोदी के गले मिले और बिना उनकी तरफ देखे वापस लौट गए अर्थात उन्होंने खुद आंख मिलाने की जहमत नहीं उठाई। यह अलग बात है कि मोदी ने उन्हें फिर बुलाया और हाथ मिलाया।
राहुल के इस व्यवहार पर सुमित्रा महाजन ने भी असंतोष व्यक्त किया और उन्हें मीठी झिड़की भी लगाई। उन्होंने कहा कि राहुल को सदन की गरिमा रखनी चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि राहुल मेरे दुश्मन नहीं हैं, वे मेरे बच्चे जैसे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जब सीट पर बैठे हैं तो वे मोदी नहीं प्रधानमंत्री हैं।
दूसरी कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुलजी ने नफरत का जवाब प्रेम से दिया। जबकि लोजपा के सांसद चिराग पासवान ने कहा कि गले लगने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन राहुल की बॉडी लेंग्वेज आपत्तिजनक थी।