नई दिल्ली। Cancellation of Parliament of membership Rahul Gandhi: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में सजा सुनाए जाने के मद्देनजर शुक्रवार को उन्हें लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि वह भारत की आवाज के लिए लड़ रहे हैं और हर कीमत चुकाने को तैयार हैं। दूसरी ओर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, अखिलेश समेत विपक्ष के अन्य दलों ने खुलकर समर्थन किया है।
कांग्रेस ने अयोग्य ठहराने की कार्रवाई को राहुल गांधी को खामोश करने का प्रयास और लोकतंत्र के लिए काला दिन करार दिया और कहा कि वह इसके खिलाफ कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी। दूसरी तरफ, भाजपा ने कहा कि यह कार्रवाई कानून के मुताबिक हुई है। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनका अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा।
इसमें कहा गया है कि सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में सजा सुनाए जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 से अयोग्य ठहराया जाता है। उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने मोदी उपनाम संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई।
6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे राहुल : अदालत ने, हालांकि गांधी को जमानत दे दी तथा उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें। अगर 52 वर्षीय राहुल गांधी की दोषसिद्धि और सजा पर ऊपरी अदालत से स्थगन आदेश नहीं मिलता है तो वह अगले 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।