इस मसौदे पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सीधी बातचीत भी हो चुकी है। इस दौरान रेलवे के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे थे। सभी ने इसके महत्व पर जोर दिया है। खुद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने स्वीकारा है कि इस एजेंसी के बन जाने के बाद से रेलवे की सुविधाओं और उनकी क्वालिटी में अमूलचूक परिवर्तन आएगा।
उन्होंने कहा कि यह रेलवे के साथ-साथ ग्राहकों के लिए काफी बेहतर होगा। लगातार बढ़ रहे घाटे को पाटने के लिए इस बार मालभाड़े में इजाफा किया जा सकता है। रेलवे अधिकारी के मुताबिक हमारे यहां मालभाड़ा अन्य यूरोपीय देशों और चीन के मुकाबले कहीं ज्यादा है। उनके मुताबिक नई एजेंसी सड़क के जरिए लगने वाले मालभाड़े और रेल मालभाड़े के बीच अंतर निकालकर अपनी सलाह देगी।