हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि इस साल एक जनवरी से स्वैच्छिक आधार पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायती रेलवे टिकट प्राप्त करने हेतु आधार सत्यापन की आवश्यकता शुरू की गई है। रेलवे को उत्सर्जन मानकों के दायरे में लाने संबंधी एक अन्य सवाल के जवाब में गोहेन ने कहा कि भारतीय रेल प्रदूषण नियंत्रण उपायों को प्रमुखता से लागू कर साल 2030 तक उत्सर्जन की तीव्रता में 32 प्रतिशत तक कमी लाएगा।
उन्होंने बताया कि पेरिस समझौते के तहत भारत द्वारा प्रदूषण संबंधी उत्सर्जन में कमी लाने के लिए तय किए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रेलवे को भी उत्सर्जन मानकों के दायरे में लाया जाएगा। इसके लिए रेल मंत्रालय डीजल रेलइंजनों से निकलने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए अंतरिम उत्सर्जन मानकों का प्रारूप मार्च 2019 तक तैयार किया जाना प्रस्तावित है।
उत्सर्जन मानक तैयार करने का काम रेल इंडिया तकनीकी एवं आर्थिक सेवा (राइट्स) को सौंपा गया है। गोहेन ने कहा कि उतसर्जन कटौती के उपायों में पांच प्रतिशत बायो डीजल मिश्रण का उपयोग पहले ही शुरु कर दिया गया है और सीआरईडीआई तकनीकी आधारित इंजन का विकास करने के अलावा अन्य अत्याधुनिक तकनीकी आधारित उपाय किए जा रहे हैं। (भाषा)