सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला : राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई नहीं

बुधवार, 2 दिसंबर 2015 (10:48 IST)
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने अहम फैसले में कहा तमिलनाडु सरकार को करारा झटका देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे रिहा नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार जब केंद्र सरकार के कानून या सीबीआई जांच करे तो ऐसे मामलों में माफी देने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास होगा।
प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने राजीव हत्याकांड के सात दोषियों को रिहा करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ सुनवाई के दौरान ये फैसला सुनाया। प्रधान न्यायाधीश आज ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
 
पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल रंजीत कुमार और एक दोषी वी श्रीहरन उर्फ मुरूगन और तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं राम जेठमलानी और राकेश द्विवेदी सहित अन्य की दलीलें 11 दिन सुनने के बाद 12 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा था। इस पीठ में न्यायमूर्ति एफएमआई कलीफुल्ला, न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष, न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे और न्यायमूर्ति यूयू ललित शामिल हैं।
राज्य सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड में मौत की सजा से राहत पाने वाले सभी दोषियों संथन, मुरुगन, पेरारीवलन और उम्रकैद की सजा काट रहे नलिनी श्रीहरन, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन और जयकुमार को रिहा करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि मामले की जांच सीबीआई ने की थी और इस केस में केंद्रीय कानून के तहत सजा सुनाई गई। ऐसे में रिहा करने का अधिकार केंद्र का है।
सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता सरकार के फैसले पर रोक लगाकर मामले को 5 जजों की संविधान पीठ को भेज दिया था। कोर्ट ने सारे राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और फैसला आने तक उम्रकैद के कैदियों को रिहा न करने के आदेश दिए थे।

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