नरेन्द्र मोदी सरकार में सबसे प्रमुख दलित चेहरा, पासवान ने कहा, 'आरक्षण एक संवैधानिक अधिकार है और इसे कोई समाप्त नहीं कर सकता। देश में आरक्षण बाबा साहब अंबेडकर एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बीच हुए 'पूना पैक्ट' के तहत लागू किया गया थ। यह कोई खरात नहीं है जिसे किसी की मर्जी से लागू किया जाए और समाप्त किया जाए।'
उन्होंने कहा कि यदि इसमें किसी तरह का छेड़छाड़ की गयी या फिर कोई भी बदलाव किया जाएगा तो 'हमारी पार्टी संसद से लेकर सड़कों तक इसका पुरजोर विरोध करेगी।' पासवान ने आश्चर्य जताया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता चुनाव के बेहद करीब ऐसे बयान क्यों देते हैं। उन्होंने कहा संघ के प्रवक्ता और अखिल-भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने हाल में आरक्षण पर जैसा बयान दिया है उससे लोगों में भ्रम पैदा होगा स्वभाविक है।
उन्होंने कहा, 'पिछली बार आरएसएस ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी ऐसी ही टिप्पणी की थी और अब उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान भी किया है। मुझे यह समझ नहीं आ रहा है कि चुनाव के दौरान ऐसी टिप्पणी क्यों की जाती है?' केन्द्रीय मंत्री ने बताया, 'इसके कारण बिहार में हमें भारी नुकसान हुआ है। आरएसएस एक स्वतंत्र संगठन है और मुझे नहीं पता कि वह ऐसे बयान क्यों देता है। ऐसी टिप्पणियों से लोगों का भ्रमित होना स्वभाविक है।' (भाषा)