वेदांती ने कहा है कि उनके, महंत अवैधनाथ व अशोक सिंघल के कहने पर 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने अयोध्या में विवादित ढांचा को गिरा दिया था। हमने ही कारसेवकों को उकसाया था और कहा था कि एक धक्का और दो, विवादित ढांचा गिरा दो।'
उन्होंने दावा किया कि उस समय लाल कृष्ण अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार समेत अन्य भाजपा और विहिप के नेता कारसेवकों को उकसा नहीं रहे थे, बल्कि उन्हें शांत करने का प्रयास कर रहे थे।