नई दिल्ली। भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) के नवनियुक्त अध्यक्ष अरविंद जामखेड़कर ने कहा है कि रामसेतु मानव निर्मित है या प्राकृतिक, इस बारे में पता लगाने के लिए परिषद कोई शोध नहीं करने जा रही या इस किस्म के किसी शोध के लिए आर्थिक मदद देने भी नहीं जा रही है। इसके साथ ही, पहले इस संबंध में की गई घोषणा को भी उन्होंने खारिज कर दिया।
उन्होंने साक्षात्कार में कहा कि अन्वेषण या इस तरह का काम इतिहासकारों का नहीं होता। ऐसे काम के लिए उपयुक्त एजेंसियां हैं, जैसे कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण। आईसीएचआर अधिक से अधिक यह कर सकता है कि संबद्ध किसी एजेंसी को ऐसा सुझाव दे। उनके पूर्ववर्ती वाई. सुर्दशन राव ने घोषणा की थी कि पायलट परियोजना के तहत सैद्धांतिक प्रशिक्षण शुरू होगा और अन्वेषण बाद में किया जाएगा। (भाषा)