राफेल सौदे पर संकट के बादल, गेंद फ्रांस के पाले में

रविवार, 4 जनवरी 2015 (16:32 IST)
नई दिल्ली। गारंटी की एक शर्त और कीमतों में जबरदस्त वृद्धि से अरबों डॉलर का राफेल लड़ाकू विमान सौदा खटाई में पड़ सकता है। भारत ने साफ कर दिया है कि गेंद फ्रांस के पाले में है, क्योंकि वह इसके बदले में और रूसी सुखोई-30 एमकेआई युद्धक विमान खरीदने का विकल्प तलाश रहा है।
 
भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि राफेल का निर्माण करने वाली दसॉल्ट एविएशन रिक्वेस्ट फॉर प्रोपोजल (आरएफपी) की शर्तों से मुकर नहीं सकता जिस पर उसने पहले रजामंदी जाहिर की थी। हालात इस तरह के बन गए हैं कि अनुबंध बचाने के वास्ते सभी बाकी मुद्दे हल करने के लिए फ्रांस को एक अधिकारप्राप्त प्रतिनिधि भेजना पड़ रहा है।
 
रक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने इस सप्ताह स्वीकार किया था कि दिक्कतें हैं और कहा कि भारत का फ्रांस के साथ प्रस्तावित सौदा नहीं होता तो भारत रूस निर्मित सुखोई-30 विमानों की खरीद पर विचार करेगा।
 
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर और उनके फ्रांसीसी समकक्ष के बीच पिछले महीने की बैठक का हवाला देते हुए सूत्रों ने बताया कि फ्रांस से साफतौर पर आरएफपी का पालन करने को कहा गया। सूत्रों ने कहा कि गेंद फ्रांस के पाले में है। साथ ही कहा कि अगर आरएफपी का पालन किया जाता है तो सौदा जल्द हो सकता है। (भाषा)

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