मौलाना आजाद को भी मिले 'भारत रत्न' : रविशंकर प्रसाद

Webdunia
रविवार, 6 नवंबर 2016 (18:11 IST)
हैदराबाद। नेहरू-गांधी परिवार के शासनकाल के दौरान मौलाना आजाद को 'भारत रत्न' नहीं दिए जाने पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रथम प्रधानमंत्री की जिन नेताओं ने आलोचना की, उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एस. जयपाल रेड्डी पर प्रहार करते हुए कानून मंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल और जवाहरलाल नेहरू के बीच मतभेद के बारे में भी लोग जानते हैं और 1948 में पुलिस कार्रवाई के बारे में दोनों के बीच मतभेद के बारे में भी सब लोग जानते हैं जिसके बाद हैदराबाद को भारतीय संघ में मिलाया गया था। उस दौरान हैदराबाद पर निजाम का शासन था।
 
प्रसाद ने यहां बताया कि उन्होंने (जयपाल रेड्डी) कहा है कि कोई मतभेद नहीं थे (नेहरू और पटेल के बीच) और 10 वर्षों तक उनका साथ रहा। जयपाल रेड्डी कह रहे थे कि कानून मंत्री (प्रसाद) गैरकानूनी बात बोल रहे हैं। मैं गैरकानूनी नहीं बोल रहा था। मैं वास्तविकता बयां कर रहा था। 
 
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने पूछा कि भारत को एक करने वाले महान भारतीय पटेल को 1991 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान क्यों दिया गया जबकि 1950 में उनका निधन हो गया था?
 
उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू उसके बाद (1950 के बाद) 14 वर्षों तक प्रधानमंत्री रहे और फिर उनकी बेटी इंदिरा गांधी 16 वर्षों तक प्रधानमंत्री रहीं। फिर कई लोगों को अच्छे कारणों से भारत रत्न दिया गया लेकिन इस महान भारतीय सरदार पटेल की उपेक्षा क्यों की गई? जब पीवी नरसिंहराव (नेहरू-गांधी परिवार के बाहर के व्यक्ति) 1991 में प्रधानमंत्री बने तो उन्हें भारत रत्न दिया गया। (भाषा)
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