इंदौर। भारतीय रिजर्व बैंक ने सूचना के अधिकार के तहत दायर अर्जी के जवाब में कहा है कि उसके पास इस बात की जानकारी उपलब्ध नहीं है कि गत आठ नवंबर से 30 दिसंबर तक देश के कुल कितने बैंक खातों में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा की रकम 500 और 1,000 रुपए के बंद नोटों के रूप में जमा हुई।
सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि उन्होंने आरटीआई के तहत रिजर्व बैंक से यह भी जानना चाहा था कि इस अवधि में विविध सहकारी बैंकों के कुल कितने खातों में 2.5 लाख से ज्यादा की रकम 500 और 1,000 रुपए के बंद नोटों की शक्ल में जमा हुई।
यह कदम इसलिए उठाया गया था, ताकि कोई 500 और 1,000 रुपए के बंद नोटों को 50 दिन की तय मोहलत में बैंकों में जमा कराने की आड़ में अपनी काली कमाई को सफेद न कर सके। (भाषा)