केंद्रीय बैंक ने कहा कि लघु वित्तीय बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा में यह बात सामने आई है कि उन्होंने प्राथमिक क्षेत्र का अपना लक्ष्य पूरा किया है और इस प्रकार वित्तीय समावेशन के अपने उद्देश्य को हासिल करने में सफल रहे हैं। इसलिए, छोटे ऋण की जरूरत वाले लोगों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने और प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र में ज्यादा बैंकों को होना चाहिए। इसके मद्देनजर अगस्त 2019 के अंत तक लघु वित्त बैंकों के लिए ‘ऑन टैप’ लाइसेंस के बारे में दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।