गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति की पिछले दो दिन से चल रही बैठक के बाद बृहस्पतिवार को छह में से चार सदस्यों ने रेपो दर में कटौती का पक्ष लिया। हालांकि, दो सदस्यों ने दर को यथावत रखने का समर्थन किया।
मुख्य ब्याज दर 0.25 प्रतिशत घटाने के बाद छह प्रतिशत पर आ गई है। इससे बैंकों की रिजर्व बैंक से धन लेने की लागत कम होगी और उम्मीद है कि बैंक इस सस्ती लागत का लाभ आगे अपने ग्राहकों तक भी पहुंचाएंगे। इससे बैंकों से मकान, दुकान और वाहन के लिए कर्ज सस्ती दर पर मिल सकता है।