राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या के कायाकल्प की प्रक्रिया जारी, जनपदों में भी गजब का उल्लास
मंगलवार, 26 दिसंबर 2023 (22:51 IST)
Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या (Ayodhya) में 22 जनवरी को प्रस्तावित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर (Shri Ram Janmabhoomi temple) के भव्य प्राण-प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) कार्यक्रम के पहले पूरे क्षेत्र के कायाकल्प की प्रक्रिया जारी है। एक सरकारी बयान में इसकी जानकारी दी गई है। आसपास के जनपदों में भी गजब का उल्लास छाया हुआ है।
बयान में कहा गया है कि पहले 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित अयोध्या दौरे से पूर्व श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को जोड़ने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर रामायण काल के प्रमुख प्रसंगों का मनमोहक चित्रण कराने की दिशा में योगी सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में तेजी लाई जा रही है।
इसमें कहा गया है कि उप्र की आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने के साथ ही प्रदेश की आध्यात्मिक मूल्यों के संरक्षण के लिए संकल्पबद्ध योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार रामनगरी अयोध्या को नव्य-भव्य रूप में सजाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
दीवारों को टेराकोटा से सजाने की प्रक्रिया जारी :इसके अनुसार अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ओर जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों की दीवारों को टेराकोटा फाइन क्ले म्यूरल कलाकृतियों से सजाने की प्रक्रिया जारी है। इसमें कहा गया है कि दूसरी ओर अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ओर जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों की दीवारों को कंकर-पत्थर से बनी कलाकृतियों से सजाने का कार्य भी शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पूर्व इस कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा।
सिलसिलेवार जारी बयानों में कहा गया कि अयोध्या हर्ष, उमंग व उत्साह से लबरेज है और 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले अयोध्या उल्लासमय हो चुकी है। इसमें कहा गया है कि इससे पहले 30 दिसंबर को मोदी अयोध्या को करोड़ों रुपए की परियोजनाओं का उपहार देंगे।
मोदी के आगमन को लेकर अयोध्या व आसपास के जनपदों में भी गजब का उल्लास है और उनके स्वागत को लेकर मठ-मंदिरों ने भी खास तैयारी कर रखी है। आसपास के जिलों के लोग भी उत्साहित हैं।
अयोध्या दिव्य-भव्य के साथ नव्य हुई : गोंडा के तरबगंज के निवासी सुरेन्द्र ने बताया कि 'प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी की जोड़ी ने अयोध्या को उसका गौरव लौटा दिया। इनके मार्गदर्शन में अयोध्या दिव्य-भव्य के साथ नव्य भी हो चुकी है। 30 दिसंबर को भी विकास योजनाओं का उपहार अयोध्या को मिलेगा। लिहाजा हम सभी मोदी-योगी के स्वागत को बेताब हैं।'
बयान में कहा गया है कि 30 दिसंबर को मोदी का अयोध्या में रोड शो भी प्रस्तावित है। प्रस्तावित रोड शो को लेकर अयोध्या के प्रमुख मठ मंदिरों ने भी खास तैयारी कर रखी है। अयोध्या के प्रमुख संत राजकुमार दास ने बताया कि साधु-संत भी प्रधानमंत्री पर पुष्प वर्षा करेंगे। पुष्प वर्षा के लिए गुलाब, गेंदा के फूल आसपास के जिलों से भी आ रहे हैं।
एडीए के एक अधिकारी ने बताया कि प्रतिष्ठित धर्म पथ रोड के किनारे टेराकोटा कलाकृतियों व भित्तिचित्रों की स्थापना की जा रही है। इनमें प्रभु श्रीराम के जीवनकाल से जुड़े संदर्भों को दर्शाया जा रहा है। इसमें श्रीराम दरबार, खर-दूषण वध, कैकेयी कोपभवन गमन दृश्य समेत अनेक प्रसंगों को दर्शाया जा रहा है।
बयान में कहा गया कि धर्म पथ सड़क के किनारे टेराकोटा भित्तिचित्रों के निर्माण से यहां आध्यात्मिक शांति की तलाश में बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों और यात्रियों को आकर्षित कर रहा है, जो सेल्फी प्वॉइंट में भी परिवर्तित हो गया है। ये भित्तिचित्र न केवल कलात्मक अभिव्यक्ति बन जाते हैं बल्कि ज्ञान, समझ और एकता के मार्ग भी प्रशस्त करेंगे। ये शहर के सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देने के साथ ही ओपन एयर गैलरी के तौर पर भी कार्य करेंगे।
रामायण कांड पर आधारित भित्तिचित्र : बयान के अनुसार सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने और अयोध्या को वैश्विक पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने के क्रम में बनने वाले 50 से ज्यादा म्यूरल स्कल्प्चर व भित्तिचित्र पेंटिंग्स की ऊंचाई 9 फीट और चौड़ाई 20 फीट निर्धारित की गई है। इसमें कहा गया है कि उनकी थीम अलग-अलग रामायण कांड पर आधारित होगी और भित्तिचित्रों का उभार 8 इंच होगा तथा प्रत्येक भाग, टुकड़े और ब्लॉक को पॉलिमर मोर्टार द्वारा दीवार पर लगाया जाएगा जिन पर वेदर कोटिंग वाले पेंट ही लगाए जाएंगे, वहीं कंकर-पत्थरों से बनीं कलाकृतियों के लिए भी ऊंचाई 9 फीट और चौड़ाई 20 फीट निर्धारित की गई है।
बयान में कहा गया है कि धर्म पथ के अगल-बगल कुल 20 ऐसी कलाकृतियों के निर्माण की योजना है। इन निर्माण कार्यों की पूर्ति के लिए 2 महीने का लक्ष्य रखा गया है, मगर मुख्य पथ पर संबंधित कलाकृतियों के निर्माण को 22 जनवरी के पहले पूर्ण करने का लक्ष्य है।(भाषा)