एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार, बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के कन्वेनर और वकील जफरयाब जिलानी ने इसे सुप्रीम कोर्ट को चुनौती करार दिया है। जिलानी ने कहा है कि संविधान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च अथॉरिटी है और वो यह तय करेगी कि मंदिर कहां बनना है और कहां नहीं।