Sandeshkhali news in hindi : भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस नेता और संदेशखाली का गुनाहगार शेख शाहजहां ममता पुलिस की सुरक्षित हिरासत में है।
उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि संदेशखाली का बदमाश शेख शाहजहां कल रात 12 बजे से ममता पुलिस की सुरक्षित हिरासत में है। प्रभावशाली मध्यस्थों के माध्यम से ममता पुलिस के साथ एक समझौते पर बातचीत करने में कामयाब होने के बाद, उन्हें बरमाजुर - II ग्राम पंचायत क्षेत्र से दूर ले जाया गया।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पुलिस और न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान उनकी उचित देखभाल की जाएगी।
सलाखों के पीछे रहने के दौरान उन्हें 5 सितारा सुविधाएं दी जाएंगी और एक मोबाइल फोन तक उनकी पहुंच होगी, जिसके माध्यम से वह वस्तुतः तोलामूल पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम होंगे।
The Scoundrel of Sandeshkhali - Seikh Shahjahan is in the safe custody of Mamata Police since 12 am last night. He was taken away from the Bermajur - II Gram Panchayat area, after he managed to negotiate a deal with the Mamata Police, through influential mediators, that he would…
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) February 28, 2024
भाजपा नेता ने दावा किया कि यदि शाहजहां वुडबर्न वार्ड में कुछ समय बताना चाहता है तो वहां भी एक बिस्तर उसके लिए तैयार और खाली रखा जाएगा।
जमीन हड़पने से लेकर महिलाओं को टीएमसी कार्यालय में बुलाकर यौन उत्पीड़न करने तक और राशन योजना में घोटाला करने से लेकर ईडी की टीम पर हमला करवाने तक ऐसा कोई काम नहीं है, जो शाहजहां शेख ने न किया हो।
ईंट के भट्टे से राजनीति तक : शाहजहां शेख किसी जमाने में मछली पालन और ईंट के भट्टों में काम करता था। इसी से उसकी रोजीरोटी चलती थी। लेकिन राजनीति में आने के बाद रसूखदार बन बैठा। 42 साल का शाहजहां शेख राज्य में टीएमसी की सरकार आने से पहले तक सीपीएम के साथ था।
ऐसे बनाई अपनी पकड़ : अपने परिवार में चार भाई-बहनों में सबसे बड़े शाहजहां शेख ने मजदूरी करते हुए एक यूनियन नेता के तौर पर राजनीति में कदम रखा। 2004 में वह सीपीआई (एम) से जुड़ा। इसमें उनकी मदद उसके मामा मोस्लेम शेख ने की। जो उस वक्त पर सीपीएम के नेता और पंचायत प्रमुख थे। वह छह सालों तक अपने मामा के शार्गिदी में आगे बढ़ा। 2010 में जब राज्य में टीएमसी का दबदबा बढा तो शाहजहां शेख टीएमसी नेताओं से नजदीकी बढ़ाकर पार्टी में आ गया। शाहजहां शेख ने शुरुआत में TMC राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना टीएमसी जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रियो मलिक के नेतृत्व में काम किया। जब ज्योतिप्रियो मलिक को मंत्री बनाया गया, तो शाहजहां शेख की ताकत और बढ़ गई
बन गया संदेशखाली का खलनायक : आज शाहजहां संदेशखाली का सबसे बडा खलनायक बन गया है। दरअसल, टीएमसी में रहते हुए उसने अपनी ताकत में इजाफा किया। धीरे-धीरे संपत्ति बनाई और खुद को इलाके का एक रॉबिनहुड बना लिया। लोग उसकी ताकत से डरने लगे, क्योंकि उसके ऊपर स्थानीय नेताओं का हाथ था। इसी वजह से साल 2011 से 2024 तक कई महिलाएं शाहजहां शेख के आतंक को बर्दाश्त करती रहीं। हालांकि 5 जनवरी को जब ईडी ने शाहजहां शेख के खिलाफ कार्रवाई की तो वहां की महिलाओं को उसके खिलाफ आने की हिम्मत मिली।
कितनी संपत्ति है शेख के पास : एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार कभी एक मजदूर और मछुआरा रहा शाहजहां शेख अब बड़ी संपत्ति का मालिक है। उसके पास 17 कारें हैं। इसके अलावा उसके पास 43 बीघा जमीन और दो करोड़ रुपए से अधिक के गहने हैं। उसके बैंक खातों में करीब 2 करोड़ रुपए भी जमा हैं। एनडीटीवी के मुताबिक यह सब ब्योरा शाहजहां शेख ने पंचायत चुनावों में उपलब्ध कराया था। शेख ने अपनी वार्षिक आमदनी 20 लाख रुपए बताई। संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हमले के मास्टरमाइंड शाहजहां शेख के बांग्लादेश में छिपे होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है।
Edited by : Nrapendra Gupta