जनहित याचिका को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया गया था। प्रधान न्यायाधीश ने पूछा, क्या आपने (तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए) कोई ईमेल भेजा है? जनहित याचिका दायर करने वाले वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने जब हां में जवाब दिया तो प्रधान न्यायाधीश ने कहा, मैं दोपहर में इस पर विचार करूंगा।
पश्चिम बंगाल पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध : श्रीवास्तव ने व्यक्तिगत रूप से यह याचिका दायर की है, जिसमें संदेशखाली हिंसा पीड़ितों के लिए मुआवजे और कर्तव्य में कथित लापरवाही बरतने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया गया है। उच्चतम न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले वकील श्रीवास्तव सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों को उठाते हुए शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दायर करते रहे हैं।
3 न्यायाधीशों की समिति द्वारा जांच कराए जाने की अपील : याचिका में जांच और उसके बाद के मुकदमे को पश्चिम बंगाल से बाहर स्थानांतरित करने का भी अनुरोध किया गया है। इसके अलावा मणिपुर हिंसा मामले की तरह तीन न्यायाधीशों की समिति द्वारा जांच कराए जाने की अपील की गई है। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के गांव संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता द्वारा महिलाओं का यौन शोषण किए जाने के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
क्षेत्र की कई महिलाओं ने पार्टी के कद्दावर स्थानीय नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने तथा यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। शाहजहां से जुड़े लोगों ने पांच जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में छापा मारने गए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर कथित तौर पर हमला कर दिया था, जिसके बाद से शाहजहां फरार है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour