आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर ने कहा कि 7 सदस्यों की टीम गुरुवार को संदेशखाली गई थी। लेकिन पुलिस ने मिलने पीड़ितों से मिलने ही नहीं दिया। जैसे तैसे कमिशन के सदस्यों ने परिवार वालों से मुलाकात की। पुलिस को कमीशन को रिस्पेक्ट देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पुलिस आरोपियों को बता रही है। हमने वहां जो हालत देखे, उसके आधार पर बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने का जिक्र रिपोर्ट में किया है।