राउत ने इससे पहले भी कई बार ऐसा सुझाव दिया है। यह पूछे जाने पर कि क्या अन्य पार्टियां इस मांग का समर्थन करती हैं, उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि देश में किसी क्षेत्रीय पार्टी को पवार द्वारा संप्रग का नेतृत्व करने पर ऐतराज हो सकता है। इस समय हम सभी भाजपा विरोधी हैं।
कांग्रेस के एक अन्य नेता और राज्यसभा के पूर्व सदस्य हुसैन दलवई ने कहा कि शिवसेना को (पिछले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में) अधिक सीटें मिली थीं इसलिए मुख्यमंत्री का पद मिला। लेकिन शिवसेना अब भी संप्रग का हिस्सा नहीं है। दलवई ने कहा कि राउत को यह नहीं भूलना चाहिए कि महा विकास आघाडी सरकार कांग्रेस के समर्थन से बनी है। उन्हें इस तरह की बात कर के विवाद पैदा नहीं करना चाहिए। (भाषा)