अदालत ने निर्देश दिया कि दलाल को हिरासत में लिया जा सकता है। वह प्रतिभूति घोटाले के एक अन्य मामले में पहले से जेल की सजा काट रहा है। सीबीआई ने कहा था कि दलाल, आचार्य तथा अन्य ने शेयरों के लेन-देन में गड़बड़ी की जिससे बैंक को नुकसान हुआ।
आचार्य को आपराधिक विश्वास हनन में शामिल होने तथा लोक सेवक के रूप में पद का दुरुपयोग करने जबकि दलाल को शेयर के रूप में चुराई गई संपत्ति प्राप्त करने का दोषीय ठहराया गया। सीबीआई के अनुसार केनरा बैंक म्युचुअल फंड द्वारा खरीदे गए 10,000 शेयर गायब पाए गए। करीब 9,100 वही शेयर दलाल ने बैंक से खरीदे। इसमें आचार्य की भूमिका थी।
सजा सुनाए जाने से पहले आचार्य ने अदालत से नरमी बरते जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वह एकमात्र कमाने वाले व्यक्ति हैं और साथ ही उनका बेटा नेत्रहीन है। दलाल ने कहा कि वे प्रतिभूति घोटाले के एक अन्य मामले में पहले से जेल में हैं। हालांकि अदालत ने कहा कि दोनों ने सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया और उन्हें मुआवजा देकर नुकसान सहना होगा। (भाषा)