एसएफडीआर-आधारित प्रणोदन किसी मिसाइल को सुपरसोनिक गति से काफी अधिक दूरी पर हवाई खतरों को रोकने में सक्षम बनाता है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एसएफडीआर का परीक्षण सफल रहा और जटिल मिसाइल प्रणाली में शामिल सभी महत्वपूर्ण घटकों ने विश्वसनीय प्रदर्शन किया तथा मिशन के सभी उद्देश्य पूरे कर लिए गए।
मंत्रालय ने कहा कि एसएफडीआर को रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला, हैदराबाद ने अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं जैसे कि अनुसंधान केंद्र इमारत, हैदराबाद और उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला, पुणे के सहयोग से विकसित किया है।
प्रणाली के डिजाइन, विकास और परीक्षण में शामिल टीम की सराहना करते हुए डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने कहा कि एसएफडीआर के सफल परीक्षण के बाद हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की मारक क्षमता की सीमा को बढ़ाया जा सकता है।(भाषा)
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