आप का दावा, भाजपा ने ही कराया था शाहीन बाग का धरना

मंगलवार, 18 अगस्त 2020 (14:27 IST)
नई दिल्ली। भाजपा ने दिल्ली का चुनाव प्रभावित करने के लिए सीएए व एनआरसी के खिलाफ शाहीनबाग में धरना कराया था। भाजपा ने पूरा चुनाव शाहीनबाग पर ही लड़ा और पहले सर्वे में जो 18 प्रतिशत वोट मिलना था, जो बढ़कर 38 प्रतिशत हो गया।
 
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिस शाहीन बाग के बारे में कहा गया कि लोगों ने देश विरोधी, देश के टुकड़े-टुकड़े करने व पाकिस्तान समर्थित आदि के नारे लगाए, उन्हें खुद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने पार्टी में शामिल कराया। दिल्ली पुलिस एक दिन से ज्यादा किसी धरने को नहीं टिकने देती है, लेकिन शाहीनबाग का धरना 101 दिनों तक चलने दिया और लाखों लोग परेशान हुए।
 
उन्होंने कहा कि भाजपा ने शाहीनबाग पर चुनाव लड़ने के लिए स्क्रीप्ट तैयार की थी कि कब, किसे और क्या बोलना है? गृहमंत्री अमित शाह बताते थे, लेकिन हमें समझ नहीं आता था कि ‘कमल’ निशान का तार शाहीनबाग से जुड़ा हुआ था। चुनाव के बाद भी नफरत इतनी बढ़ाई गई कि दिल्ली में दंगे हुए, जिसमें 53 लोगों की मौत हुई और हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति बर्बाद हुई।
 
भारद्वाज ने कहा कि पहले दिल्ली का चुनाव बिजली, पानी, सड़क, प्रदूषण आदि के मुद्दे पर लड़ा जाता था, परंतु इस बार जो दिल्ली का चुनाव भाजपा ने लड़ा वह इन मुद्दों पर नहीं बल्कि शाहीन बाग के मुद्दे पर लड़ा। भाजपा की चुनाव लड़ने की जो रणनीति होती है, वह कोई ऐसा नहीं कि प्रवेश वर्मा नाम का कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से ऐसी रणनीति बना ले या कोई अनुराग ठाकुर उसका फैसला कर लेगा। बकायदा उच्च स्तर के नेताओं द्वारा बैठकर रणनीति तैयार की जाती है कि इस चुनाव में रणनीति क्या रहेगी? इसकी कपट नीति क्या रहेगी? यह बाकायदा तय किया गया था कि दिल्ली का चुनाव भाजपा शाहीन बाग के मुद्दे पर ही लड़ेगी।

भाजपा की इसी सुनियोजित रणनीति के कुछ पहलुओं को मीडिया के सामने रखते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा की 28 जनवरी को भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने कहा कि जैसे कश्मीर के अंदर अत्याचार हुआ उनकी मां-बहनों का बलात्कार किया जा रहा है, वही लोग अब दिल्ली में आपकी मां-बहनों का बलात्कार करेंगे।
 
उसके बाद 2 फरवरी को कपिल नाम का लड़का शाहीन बाग में गोली चलाता है और दंगा भड़काने की कोशिश करता है। 4 फरवरी को भाजपा के केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर कहते हैं देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को, और यही नहीं खुद भाजपा के बड़े नेता और देश के गृहमंत्री अमित शाह जी एवं भाजपा के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी लगातार शाहीन बाग के नाम पर दिल्ली में जगह-जगह वोट मांगते रहे। 
 
भारद्वाज ने कहा कि उस वक्त समझ नहीं आता था कि कमल के बटन से शाहीन बाग का क्या कनेक्शन है? परंतु अब जाकर समझ आ रहा है कि भाजपा और शाहीन बाग के तार जुड़े हुए थे। अब ये साफ हो गया है, की कनेक्शन जुड़ा हुए है।

भाजपा के समर्थकों को और देश की जनता को यह ज़रूर पता चलना चाहिए कि कैसे एक राजनीतिक दल, एक सोची-समझी रणनीति के तहत अपने ही कार्यकर्ताओं को मोहरे की तरह इस्तेमाल करता है। इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़ा झटका शायद उन लोगों को लगेगा, जो इस प्रदर्शन में यह सोचकर शामिल हुए थे कि हम डेमोक्रेसी को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, परंतु उनको नहीं मालूम था कि यह पूरा का पूरा चक्रव्यू भाजपा द्वारा रचा गया है।
 
आप नेता ने कहा कि कहा कि हमने शाहीन बाग के प्रोटेस्ट को बहुत नजदीकी से देखा है और अक्सर इस बात की शिकायत मिलती थी कि यहां पर अनजान लोग आकर दंगा भड़काने की कोशिश करते हैं। पुलिस जांच नहीं की गई कि अनजान लोग कौन थे? उन्होंने कहा कि मैं भाजपा समर्थकों को आज यह बताना चाहता हूं कि जिन लोगों को आप पानी पी-पीकर गालियां देते थे, कोसते थे और जिनसे अपनी मां -बहनों की सुरक्षा करने की बात करते थे, वह भाजपा के ही लोग थे। जो आज खुल्लम-खुल्ला भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के माध्यम से भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

दिल्ली के चुनाव से पहले शाहीन बाग के प्रोटेस्ट को भाजपा ने इस प्रकार से प्रदर्शित किया जैसे कि है पूरे देश के खिलाफ प्रोटेस्ट हो रहा है। भाजपा के लोग खुद इस बात को मानते हैं कि दिल्ली में भाजपा को मात्र 18 प्रतिशत वोट उनके खुद के सर्वे के मुताबिक मिल रहा था, परंतु जब शाहीन बाग का पूरा प्रकरण भाजपा ने करवाया, तो उनका वोट प्रतिशत बढ़कर 38 प्रतिशत तक पहुंच सका। उन्होंने कहा कि इतने सबके बावजूद भी जब भाजपा चुनाव नहीं जीती, तो शाहीन बाग प्रदर्शन को दिखाकर भाजपा ने हो नफरत फैलाई, उसी के कारण दिल्ली में दंगे हुए।

भारद्वाज ने कहा कि 11 दिसंबर 2019 को देश की संसद में सीएए बिल पास किया गया। 14 दिसंबर को 6 लेन का दिल्ली नोएडा एक्सप्रेसवे, जिसे कोई सामान्य व्यक्ति पार नहीं कर सकता, उस 6 लेन के एक्सप्रेस-वे को मात्र 10 महिलाओं ने मिलकर जाम कर दिया और जाम भी ऐसा कर दिया कि 101 दिनों तक दिल्ली नोएडा एक्सप्रेसवे की आवाजाही बंद रहे। प्रदर्शनकारियों ने मात्र एक सड़क बंद की थी, मगर भाजपा शासित दिल्ली पुलिस ने आसपास की तमाम रोड जो दिल्ली-नोएडा को जोड़ते थे, बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अब प्रश्न यह उठता है की शाहीन बाग के पूरे मामले से सबसे ज्यादा लाभ किसे पहुंचा। क्या शाहीन बाग के प्रदर्शन का लाभ कांग्रेस को हुआ, समाजवादी पार्टी को हुआ, टीडीपी को हुआ, आम आदमी पार्टी को हुआ या भाजपा को हुआ? हम सभी जानते हैं कि शाहीन बाग का सबसे ज्यादा लाभ किस पार्टी को हुआ और किस पार्टी ने इसका लाभ लेने की कोशिश की।

मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से यह कहा जाता था कि वहां पर लोग देश विरोधी नारे लगा रहे हैं। भारत के टुकड़े करने के नारे लगा रहे हैं। पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं। यदि ऐसे नारे लगाए जा रहे थे, तो दिल्ली पुलिस क्या कर रही थी। उन देश विरोधी नारे लगाने वालों को पकड़ा क्यों नहीं गया? कहा जाता था कि वहां पैसे बांटे जाते हैं। यदि यह बात सत्य है, तो दिल्ली की पुलिस क्या कर रही थी केंद्र की भाजपा सरकार क्या कर रही थी?

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