Maharashtra Politics : शरद पवार ने प्रमुख सहयोगियों को किया निष्कासित, अजित गुट ने की राकांपा में नई नियुक्तियां

सोमवार, 3 जुलाई 2023 (23:55 IST)
Maharashtra Politics : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने अपने गठन के बाद से सबसे बड़े संकट का सामना कर रही पार्टी पर अपना अधिकार दर्शाने के लिए सोमवार को शक्ति प्रदर्शन किया और इन अटकलों को खारिज कर दिया कि उनके भतीजे अजित पवार की बगावत को उनका आशीर्वाद प्राप्त है।
 
अजित अब महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे नीत सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। राकांपा में बगावत के एक दिन बाद शरद पवार ने ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ को लेकर इसके कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और महासचिव एवं कोषाध्यक्ष सुनील तटकरे को निष्कासित कर दिया, जिन्होंने अजित पवार की बगावत में उनका साथ दिया है।
 
वहीं अजित पवार खेमे ने प्रदेश राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटिल को हटाकर शीघ्र ही पलटवार किया और नई नियुक्तियां कीं। शरद पवार (82) ने एक ट्वीट में कहा, मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल की पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर उनके नाम राकांपा सदस्यों की पंजी (रजिस्टर) से हटाने का आदेश देता हूं। 
 
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने राज्यसभा सदस्य पटेल और तटकरे को अपने ट्वीट में ‘टैग’ किया। पटेल को पिछले महीने ही राकांपा का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। बाद में राकांपा प्रमुख ने पटेल और लोकसभा सदस्य तटकरे को नोटिस जारी किए।
 
पवार ने अपने पत्र में दोनों पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनकी जानकारी और सहमति के बगैर नौ विधायकों का बगावत में साथ दिया गया। उन्होंने पत्र में कहा, अजित पवार और पार्टी के निर्देश का उल्लंघन कर मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले आठ अन्य विधायकों का समर्थन करने का आपका कृत्य पार्टी विरोधी गतिविधि के समान है। 
पवार ने कहा, आपके कृत्यों के मद्देनजर मैं पार्टी सदस्यों की पंजी (रजिस्टर) से आपका नाम हटा रहा हूं।  पत्र में कहा गया है कि पार्टी संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत सांसद के रूप में पटेल और तटकरे की औपचारिक अयोग्यता के लिए उपयुक्त कार्रवाई शुरू कर रही है।
 
राकांपा की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले द्वारा लिखे गए एक पत्र में पटेल और तटकरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग किए जाने के शीघ्र बाद शरद पवार ने यह कार्रवाई की। शिंदे कैबिनेट में शामिल नए मंत्रियों में तटकरे की बेटी भी हैं। अजित पवार खेमे ने शीघ्र ही पलटवार करते हुए जयंत पाटिल की जगह तटकरे को प्रदेश राकांपा प्रमुख नियुक्त कर दिया। उसने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष से पाटिल और जितेंद्र आव्हाड को सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने का आग्रह किया।
 
प्रफुल्ल पटेल ने मुंबई में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने तटकरे को महाराष्ट्र राकांपा प्रमुख और अजित पवार को राकांपा विधायक दल का नेता नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि रविवार को मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले अनिल भाईदास विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक बने रहेंगे।
 
पटेल ने कहा कि एकनाथ शिंदे नीत सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृतव का समर्थन करने का फैसला राकांपा द्वारा उठाया गया एक सामूहिक कदम है। पटेल ने कहा, आज गुरु पूर्णिमा है, हम सभी चाहते हैं कि शरद पवार हम पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें। पटेल ने कहा कि अजित पवार खेमे में कितने विधायक हैं, यह सवाल उनसे करने के बजाय प्रतिद्वंद्वी समूह से किया जाना चाहिए।
 
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि उन्हें राकांपा के ज्यादातर विधायकों का समर्थन प्राप्त है। अजित ने कहा कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर पार्टी के विधायक जयंत पाटिल और जितेंद्र आव्हाड को सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराने का आग्रह किया है।
 
हालांकि अजित ने यह खुलासा नहीं किया कि उन्हें कितने विधायकों का समर्थन प्राप्त है। उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके पास पार्टी और इसका चुनाव चिह्न (घड़ी) भी है। वहीं सतारा जिले के कराड में राकांपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र एवं देश में सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने वाली ताकतों का मुकाबला करने की जरूरत है।
 
कांग्रेस छोड़ने के बाद 1999 में राकांपा का गठन करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपनी पार्टी में बगावत होने पर कहा, महाराष्ट्र और देश में सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने की कोशिश की जा रही है। हमें उन ताकतों से लड़ने की जरूरत है, जो शांतिप्रिय नागरिकों के बीच भय उत्पन्न करती हैं। 
 
शरद पवार ने कहा, हमें अपने देश में लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है। राकांपा प्रमुख ने कहा कि एक गलत प्रवृत्ति उभर रही है और उसने ही राज्य में पार्टी को तोड़ने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, इसके पीछे का मकसद इन सांप्रदायिक विचारधाराओं के जरिए देश के मुद्दों को आगे ले जाना है और इस प्रवृत्ति ने राज्य में उथल-पुथल करने में यही रुख अपनाया है। दुर्भाग्य से हमारे कुछ सहकर्मी इन तरकीबों का शिकार हो गए। 
 
पवार ने कहा कि साहू महाराज, (ज्योतिबा) फुले और (डॉ. भीमराव) आंबेडकर की धरती ‘महाराष्ट्र’ के लोग अन्य दलों को तोड़ने में भूमिका निभाने वाली इन प्रवृत्तियों को उनकी सही जगह दिखाएंगे। उन्होंने कहा, अगले कुछ महीनों में हमें लोगों के पास जाने का मौका मिलेगा और उनकी मदद से हम इन प्रवृत्तियों को दरकिनार कर देंगे तथा एक बार फिर हम एक ऐसी व्यवस्था तैयार करेंगे, जो आम लोगों के हित में काम करेगी। 
 
शरद पवार ने शिवसेना में 2022 में हुई बगावत का जिक्र करते हुए कहा कि 2019 में वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास आघाडी (एमवीए) के तहत एकजुट हुए और सरकार बनाई, लेकिन कुछ लोगों ने पिछले साल सरकार गिरा दी। उन्होंने कहा, यह केवल महाराष्ट्र में नहीं हो रहा, बल्कि अन्य राज्यों में भी किया जा रहा है। (कांग्रेस नेता) कमलनाथ-नीत मध्य प्रदेश सरकार इसी तरीके से गिरा दी गई और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाली सरकार सत्ता में आई। 
 
शरद पवार ने कहा कि एमवीए के घटक दल कांग्रेस द्वारा महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए दावा करना तर्कसंगत है। शिंदे सरकार में शामिल होने से पहले अजित पवार इस पद पर काबिज थे। राज्य की 288 सदस्‍यीय विधानसभा में कांग्रेस के 45 और राकांपा के 53 विधायक हैं। अजित पवार खेमा और भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि उन्हें राकांपा के 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
 
राकांपा प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र में विपक्षी खेमे में अभी सबसे अधिक सीट कांग्रेस के पास हैं और नेता प्रतिपक्ष के लिए उसका दावा तर्कसंगत है। उन्होंने कहा, जहां तक मुझे पता है, (राकांपा और उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना गुट की तुलना में) कांग्रेस के अधिक विधायक हैं, इसलिए नेता प्रतिपक्ष पद की उसकी मांग सही है। 
 
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि उनकी पार्टी को नेता प्रतिपक्ष पद के लिए दावा करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस बाबत फैसला मंगलवार को होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में किया जाएगा। शरद पवार कराड में अपने गुरु एवं महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण के स्मारक पर पहुंचे और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
 
राकांपा प्रमुख के भतीजे अजित पवार के नेतृत्व में पार्टी में हुई टूट के एक दिन बाद गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शरद पवार (82) का दिवंगत चव्हाण के स्मारक प्रीतिसंगम का दौरा करने के कदम को शक्ति प्रदर्शित के तौर पर देखा जा रहा है।
 
इससे पहले शरद पवार सोमवार सुबह पुणे से कराड के लिए रवाना हुए और रास्ते में कई समर्थकों से मिलने के लिए रुके, जो सड़क किनारे उनका स्वागत करने और उनके प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए एकत्र हुए थे। कराड में उनका हजारों समर्थकों और स्थानीय विधायक बालासाहेब पाटिल ने स्वागत किया। कराड से नाता रखने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण भी उनके साथ मौजूद थे।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

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