राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या उनके पास प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल के लिए पर्याप्त 'जनादेश' है। पवार ने कहा कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा बहुमत हासिल करने से चूक गई और केंद्र में नई गठबंधन सरकार बनाने के लिए उसे अपने सहयोगियों का समर्थन लेना पड़ा।
उन्होंने पुणे से लगभग 125 किलोमीटर दूर अहमदनगर में पार्टी के एक सम्मेलन में यह बात कही। यह सम्मेलन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया था, जहां नवनिर्वाचित सांसदों को सम्मानित किया गया।
राज्यसभा सदस्य पवार ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। लेकिन, शपथ लेने से पहले क्या उन्हें देश की जनता का जनादेश मिला था? क्या देश की जनता ने उन्हें इसके लिए सहमति दी? उनके (भाजपा) पास बहुमत नहीं था। उन्हें तेलुगु देशम पार्टी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मदद लेनी पड़ी....उनकी वजह से ही वे सरकार बना पाए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा नीत मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार पिछली सरकारों से अलग है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान मोदी जहां भी गए (प्रचार के लिए), उन्होंने सरकार को 'भारत सरकार' नहीं कहा... इसे मोदी सरकार, मोदी की गारंटी कहा जाता था। आज वह मोदी गारंटी नहीं रही। आज मोदी सरकार नहीं रही। आज आपके वोट की वजह से उनको कहना पड़ रहा है कि आज ये मोदी सरकार नहीं है, ये भारत सरकार है। आज आपके वोट की वजह से उनको अलग तरीका अपनाना पड़ रहा है।
पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री का पद देश का है, किसी विशेष पार्टी का नहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को समाज के सभी वर्गों, जातियों और धर्मों के बारे में सोचना चाहिए।
पवार ने कहा, लेकिन मोदी जी यह करना भूल गए। मुझे लगता है कि उन्होंने यह जानबूझ कर किया। मुस्लिम, सिख, ईसाई, सिख, पारसी जैसे अल्पसंख्यक देश का अहम हिस्सा हैं। उन्हें सरकार पर भरोसा होना चाहिए, लेकिन मोदी ऐसा करने में विफल रहे। एक भाषण में उन्होंने एक वर्ग के लोगों के ज्यादा बच्चे पैदा करने की बात कही। यह स्पष्ट है कि उनका आशय मुसलमानों से था।
राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख ने कहा, उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) कहा कि अगर सत्ता इन लोगों के हाथ में चली गई तो वे महिलाओं के मंगलसूत्र आदि छीन लेंगे। क्या देश में ऐसी चीजें कभी हुई हैं। मोदी ने यह भी कहा कि अगर विपक्ष सत्ता में आता है तो अगर किसी के पास दो भैंसें हैं तो वे एक भैंस भी ले जाएंगे। क्या किसी प्रधानमंत्री को इस तरह की बातें करनी चाहिए? दूसरों की आलोचना करने के मामले में मोदी ने संयम नहीं अपनाया।
पवार ने मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, उनके कार्यों से पता चलता है कि जब सत्ता वापस पाने की संभावना कम हो जाती है, तो व्यक्ति बेचैन हो जाता है। उन्होंने अपनी पार्टी के भविष्य को लेकर कहा, केवल महाराष्ट्र में ही नहीं, बल्कि हमें हरियाणा और झारखंड में भी काम करना होगा, जहां अगले तीन महीनों में चुनाव होने वाले हैं और हमें सरकार बनानी होगी।
उन्होंने कहा कि लोगों को लगा कि राम मंदिर निर्माण राजनीति में प्रासंगिक होगा लेकिन भाजपा का उम्मीदवार अयोध्या में ही हार गया। पवार ने कहा, कल यदि मैं अयोध्या में राम मंदिर जाऊंगा तो इसका इस्तेमाल अपनी राजनीति के लिए नहीं करूंगा। अयोध्या की जनता ने मोदी के गलत कामों को पहचाना और भाजपा उम्मीदवार की हार सुनिश्चित की। इनपुट भाषा