प्रेजेंटेशन में क्यों पीछे बैठे थे उद्धव : पवार ने इस बात पर खेद जताया कि राहुल गांधी द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बैठने की जगह एक अनावश्यक विवाद बन गई है। उन्होंने कहा कि एक पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन था। जब हम स्क्रीन पर कोई फिल्म देखते हैं, तो हम आगे नहीं, बल्कि पीछे बैठते हैं। फ़ारूक अब्दुल्ला और मैं पीछे बैठे थे। इसी तरह, उद्धव ठाकरे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया भी प्रेजेंटेशन ठीक से देखने के लिए पीछे बैठे थे।
क्या अजित से मिलाएंगे हाथ : पवार ने अपने भतीजे अजित पवार के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ राकांपा के साथ अपने गुट के हाथ मिलाने की अटकलों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि हम कभी भी भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ हाथ नहीं मिलायेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने नौ सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव पर अभी अपना रुख तय नहीं किया है।